UG/PG के छात्रों के साथ किये जा रहे भेदभाव तथा ऑनलाइन परीक्षाओं आ रही समस्यओं के समाधान हेतु अंकुर गुप्ता को लिखा पत्र
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Faridabad News, 22 Oct 2020 : आज एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने UG/PG के छात्रों के साथ किये जा रहे भेदभाव तथा ऑनलाइन परीक्षाओं आ रही समस्यओं के समाधान हेतु उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अंकुर गुप्ता को पत्र लिखा।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने पत्र के माध्यम से छात्रों को आ रही प्रमुख 3 समस्यों को उच्चत्तर शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अंकुर गुप्ता के समक्ष रखा जोकि इस प्रकार हैं:-
1) UG/PG की कक्षाओं के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू की गई हैं जिसमें प्राइवेट तथा अर्धसरकारी कॉलेजों के लिए 23 अक्टूबर से 31 अक्टूबर का समय दिया गया हैं जबकि सरकारी कॉलेजों के UG/PG के 2nd ईयर के छात्रों के लिए 26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक का तथा 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक UG/PG के 3rd ईयर के छात्रों को फीस भरने का समय दिया गया हैं। जब एक ही शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के सभी कॉलेज आते हैं तो फिर कॉलेजों की दिए गए दाखिले के समय में भेदभाव क्यों?
2) सत्र 2020-2021 के लिए चल रहे दाखिले की तारीखों में कई बार बदलाव किया जा चुका हैं जिसके कारण छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। अतः बार-बार बदलाव ना किया जाए ताकि छात्रों को कोई परेशानी ना हो।
3) ऑनलाइन पेपरों के दौरान देखा गया हैं कि कई छात्रों के पास लिंक नही आता हैं तथा कईयों के पेपर चलते समय अपने आप बंद हो जाते हैं। ऐसी व्यवस्था की जाए की परीक्षा देने वाले छात्रों को कोई परेशानी ना हो।
कृष्ण अत्री ने हरियाणा की खट्टर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब सरकार छात्रों में भी भेदभाव करने लगी हैं क्योंकि जब प्रदेश के सभी कॉलेज हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग के अंतर्गत आते हैं तो प्राइवेट तथा अर्धसरकारी कॉलेजों को UG/PG के द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों के दाखिले के लिए 9 दिन का समय दिया गया हैं जबकि सरकारी कॉलेजों को सिर्फ 3 दिन का समय दिया गया हैं। जब सभी कॉलेज एक ही विभाग के अंतर्गत आते हैं तो फिर सरकारी और प्राइवेट कॉलेज के छात्रों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा हैं? इससे प्रतीत होता हैं कि हरियाणा की खट्टर सरकार शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा दे रहीं हैं। वहीं ऑनलाइन परीक्षाओं के दौरान छात्रों को आ रहीं परेशानियां का समाधान करने वाला कोई नहीं हैं जिसके कारण छात्रों को भटकना पड़ रहा हैं। ऐसे में एनएसयूआई मांग करती हैं कि छात्रों की समस्यों का तुरंत प्रभाव से समाधान किया जाए।