Faridabad News, 30 Aug 2021 : महिला काव्य मंच फरीदाबाद इकाई की अगस्त माह की मासिक गोष्ठी 28 अगस्त 2021 को संस्थापक नरेश नाज के सानिध्य में ऑनलाइन आयोजित की गई जिस का संयोजन व संचालन मकाम की फरीदाबाद इकाई की अध्यक्षा ड़ॉ. प्रतिभा चौहान ने किया और कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती निर्मला शर्मा निर्मल , उपाध्यक्ष फरीदाबाद इकाई (मकाम) ने की।
सारिका भूषण राष्ट्रीय महासचिव मकाम मुख्य अतिथि के रूप में और राजकीय महाविद्यालय फरीदाबाद के संगीत विभाग के अध्यक्ष डॉ भूपेंद्र कुमार जी विशिष्ट अतिथि के रुप में गोष्ठी में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ बबिता गर्ग सहर द्वारा सुमधुर सरस्वती वंदना से किया गया। सभी साहित्यकारों द्वारा एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की गई।मुख्यअतिथि सारिका भूषण ने आदिवासी महिलाओं के दर्द को उकेरा- “वह जीती है कंकड खा कर,मरती हर बार जीने के लिये”।भूपेंदर कुमार जी ने इन शब्दों को गज़ल में पिरोया- पंछी को उड़ने में वक्त तो लगता है”।श्रीमती निर्मला शर्मा ‘निर्मल’ जी ने द्रौपदी के अपमान को याद किया ” पासे पर पासे फेंक रहे दोंनो दल थे मतवाले”। ड़ॉ प्रतिभा चौहान ने टूटे दिलों के जोडने की बात की- “टुटे टुकड़ों को जोड़ दूंगी, तुझे जिन्दा कर झंझोड दूंगी”। डॉ. बबिता गर्ग सहर जी ने नन्ही बच्चियोँ के बलात्कार पर प्रश्न उठाए-” पैसे पैसे के चक्कर में मासूम पर क्यूँ वार किया’। डॉ वंदना शर्मा ने सुंदर नज़्म से समां बांधा- “जिन्दगी वेवफा नहीं होती गर मुझ में कमी ना होती”। श्रीमती नीलम दुग्गल नरगिस जी ने कहा- है नहीं आज हमारी डाल डाल पर सोने की चिडिया तो क्या”।मधु गुप्ता ने कहा- पथिक है तू कर्म तेरा यही सिखलाता है तुझ को”। श्रीमती रितु अस्थाना जी ने प्रेम को इस तरह बताया-” नफरतों की धुंध कर दे खत्म तो प्यार की दुनिया नजर आने लगेगी । रेणू भाटी ने पाकिस्तान को चुनौती देते हुए कहा- अब के जंग अगर होगी तो नामोंनिशां ना तेरा होगा”। संदीप कौर जी ने भ्रूण हत्या पर कहा ” माँ जब तेरे अंदर साँस ली थी मैंने पहली बार….ना जाने क्यों हो गई थी तू सब से पहले लाचार”।
नीति सिक्का जी ने झूठे रिश्तों पर प्रहार करते हुए कहा
“तुम्हारी हां में हां मिला ना पाऊंगी, ऐसे बनते हैं सब रिश्ते तो मैं बना ना पाऊंगी”। अंत में सचिव डॉ बबिता गर्ग सहर की ने आये प्रबुद्ध कलमकारों का आभार व्यक्त किया। जिलाध्यक्ष मकाम डॉ प्रतिभा चौहान के कुशल निर्देशन में कार्यक्रम सफल रहा।