Faridabad News, 5th April 2021 : जानी मानी शिक्षिण संस्था लिंग्यास विद्यापीठ, डीम्ड-टू-बी- यूनिवर्सिटी ने अपने छात्रों को नौकरी दिलवाने की कवायदशुरू करदी है।साल के अंतीम चरण में यूनिवर्सिटी ने अपने छात्रों के लिए ड्रसिंग एंड ग्रुरूमिंग क्लासिस के साथ-साथइंटरव्यू स्किल्स(साक्षात्कार कौशल) पर कार्य करना शुरू कर दिया है। ताकि प्लेसमेंट के दौरान कैंपस में आने वाली कंपनियां ज्यादा से ज्यादाछात्रों को नौकरी देकर अपने साथ ले जा सके। इस कवायद में यूनिवर्सिटी ने अपनी खास तैयारी की है। जिसके तहतस्कूलऑफफार्मेसी के लास्ट ईयर के छात्रों को एक हफ्ते के लिए ड्रसिंग एंड ग्रुरूमिंग, इंटरव्यू स्किल्स(साक्षात्कार कौशल), पोजिटिव ऐटिट्यूड, टीम वर्क और ई-मेल एटिकेट पर खासतौर पर क्लासिस दी जायेंगी। ताकि हफ्ते बाद कैंपस में आनी वालीकंपनियांयूनिवर्सिटी सेज्यादा से ज्यादा छात्रों कोनौकरी देकर अपने साथ ले जा सके।
विगत कोरोना काल का बढ़ता कहर हमारे शरीर के साथ-साथ हमारी निजी जिंदगी में भी बहुत गहरा असर डाल रहा है।इसी कारणलिंग्यासयूनिवर्सिटीये कदम उठाया है ताकि वे अपने छात्रों को नौकरियां दिलवाने में सक्षम हो सके। इस कार्य का जिमेदारी सेशनस और वर्कशॉपस के ट्रनिंग प्रोफेसर आशुतोष दीक्षितको दी हैं। ताकि वे छात्रों को इन स्किल्स के बारे में जानकादी दे सके और उन्हें इंटरव्यू सेंशन के लिए तैयार कर सके। प्रोफेसर दीक्षित ने बताया कि इन स्किल्सके जरिए छात्रों को अच्छी नौकरी तो मिल ही सकेगी। साथ ही उन्हें ये भी पता चलेगा कि इंटरव्यूज में सामने से किस तरह के क्योशन पूछें जाते है। ताकि बच्चें पहले से ही पूरी तरह से तैयार रहे। उनका कहना है कि इन क्लासिस के जरियें बच्चों को अच्छी कंपनियों में स्लेक्ट होने की योग्यता प्राप्त हो सकेगी।
स्कूल ऑफ फार्मेसी के डीन डॉ. मुजाहिद ने बताया किइन क्यासिस को करवाने का हमारा मकसद केवल एक ही है कि यूनिवर्सिटी में ही प्लेसमेंट के समय बच्चों को नौकरी मिल जाएं। ताकि कॉलेज खत्म होने के बाद बच्चों को ज्यादा मुश्कद ना करनी पड़ी।यूनिवर्सिटी में ही बच्चें पूरी तरह से ही तैयार होकर निकले। वही लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे ने बताया कि इन सिकल्स को सिखने से बच्चों को पता चलेगा कि इंटरव्यू के समय किस तरह के सवाल पूछे जाते है और उनका जवाब कैसे दिया जाता है। इन सिकल्स को सिखना बेहद जरूरी है। ताकि बच्चें अपना भविष्य सवार सके। उन्हें कही मात ना खानी पड़ी।