February 23, 2025

लिंग्यास विद्यापीठ की शहरवासियों को एलोपैथिक दवाईयों से निजात दिलाने की जद्दोजहद: नए हर्बल प्लांटस पर कर रहा है रिसर्च

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Faridabad News, 10 March 2021 : लिंग्यास विद्यापीठ, डीम्ड-टू-बी- यूनिवर्सिटी की अपनी एक अलग पहचान है। कॉलेज अपनी इसी पहचान में कई और कड़ियों को जोड़ने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। लिंगयासइन दिनों ऐसे अनुसंधानों की खोजकर रहा है। जिससे शहरवासियों को एलोपैथिक दवाईयों से निजातमिल सकती है। कुछ ऐसे नए हर्बल प्लांटस पर रिसर्च चल रही है, जिससे लोगों को एलोपैथिक दवाईयों का सेवन ज्यादा ना करना पड़े। इतना ही नहीं मैंटल इम्पेयरमैंट (दिमागी हानी), एंटीमाइक्रोबियल (रोगाणुरोधी), एंटी प्लेग (विरोधी पट्टिका), मसूड़े की सूजन, मधुमेह जैसे रोगों पर लिंगयास विद्यापिठ में रिसर्च चल रही है।स्कूलऑफफार्मेसीके डीन डॉ. मुजाहिद ने बताया कि मधुमेह में हर्बल प्लांटस की शक्ति बहुत ज्यादा होती है। जिससे वो रोगी के जल्दी ठीक होने पर असर करता है। अगर किसी व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होती है तो उसकी इस बीमारी पर कैसे रोक लगाई जा सके उसपर भी यह तेजी से काम हो रहा है।इतना ही नहीं लीवर सिरोसिस (लीवर की हानि) के रोगी के ऊपर एमिनो एसिड के प्रभाव की भी यूनिवर्सिटी में जांच की जा रही है।

क्या है लीवर सिरोसिस (लीवर की हानि)
सिरोसिस यकृत की कैंसर के बाद सबसे गंभीर बीमारी है, इस बीमारी का इलाज लीवर प्रत्यारोपण के अलावा और कोई नहीं है। इस रोग में यकृत कोशिकाएं बडे पैमाने पर नष्ट हो जाती हैं और उनके स्थान पर फाइबर तंतुओं का निर्माण हो जाता है। यकृत की बनावट भी असामान्य हो जाती हैजिससे पोर्टल हाइपरटैंशन की स्थिति बन जाती है।

एलोपैथी दवाइयों से नुकसान
जहां एक तरफ दवाइयां रोगों का उपचार करती हैं तो वहीं ये सेहत को नुकसान भी पहुंचाती हैं। हर दवाई के साइड इफेक्ट होते हैं। कुछ लोगों पर इसका असर कम होता है जिस वजह से उन्हें इसका पता नहीं चल पाता। लेकिन शरीर कमजोर होने के कारण कुछ लोगों पर इसका असर ज्यादा पड़ता है। वह दवाई लेने के बाद किसी दूसरी समस्या का शिकार बन जाते हैं।लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डेका कहना हैकि हर्बल दवाईयां बिल्कुल सेफ होती है। ये हमारे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुचाती हैं। मुझे इस टीम पर गर्व है जिसने हर्बल प्लांटस पर रिसर्च करने के बारे में सोचा।

स्कूलऑफफार्मेसी के डीन डॉ. मुजाहिद ने बताया अभी हाल ही में यूनिवर्सिटी में विज्ञान दिवसबड़े ही जोर-शोर से मनाया गया।
फार्मेसी स्कूल कई वर्षों से इस धारणा का अनुसरण कर रहा है और इस वर्ष हमारे जीवन में विज्ञान के महत्व को बढ़ाने के लिए स्कूल ऑफ़ फ़ार्मेसी ने एक पोस्टर के साथ-साथ रंगोली बनाने की प्रतियोगिता भी आयोजित की थी।यह प्रतियोगिता डीफार्मा और बी फार्मा के छात्रों के बीच आयोजित की गई थी ताकि विज्ञान की समझ और एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मकतरी के से इसके महत्व को प्रदर्शित किया जा सके। सभी विजेताओं को डॉ. ए.आर.दुबे (कुलपति लिंग्यास विद्यापीठ) डॉ.संदीप सिंह (कुलसचिव लिंग्यास विद्यापीठ) और माननीय मुख्य अतिथि डॉ. बृजवीर सिंह (डीजीएम प्लांट एडमिन, बाक्सिल फार्मा (पी) लिमिटेड) द्वारा दिया गया।

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