Faridabad News, 06 Nov 2020 : निजी क्षेत्र में 75 फीसदी नौकरियां हरियाणा के युवाओं दी जानी चाहिए लेकिन लेकिन 10 फीसदी नौकरियां जिलास्तरीय युवाओं को दिए जाने का कड़ा विरोध करते हुए फरीदाबाद और गुड़गांव के युवाओं ने इस बिल में संशोधन करने की मांग की है।
जसवंत पवार ने कहा कि यह बिल फरीदाबाद और गुरूग्राम जैसे औद्योगिक जिलों के युवाओं के हितों पर कुठाराघात और छलावा है क्योंकि यह दोनों ही जिले सरकार को सर्वाधिक राजस्व देते है और यहां पहले से ही बेरोजगारी बड़ी समस्या बनी हुई है, इस बिल से लागू होने से यहां और बेरोजगारी बढ़ेगी इसलिए सरकार को इस बिल में संशोधन करने की आवश्यकता है।
हरियाणा सरकार जो निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण लेकर आई है यह तभी कारगर साबित होगा जब जिलास्तर पर भी युवाओं को रोजगार देने की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा क्योंकि जिले में 15 से 20 प्रतिशत युवा ऐसे है, जो अपनी प्रतिभा के दम पर स्थानीय उद्योगों में नौकरियां कर रहे है, ऐसे में यह बिल फरीदाबाद के युवाओं के लिए पूरी तरह से आधारहीन है।
जसवंत पवार ने यह भी कहा कि फरीदाबाद व गुरूग्राम के विधायकों और मंत्रियों को सरकार के समक्ष यह मांग पुरजोर तरीके से उठानी चाहिए कि जमीन हमारी, पॉल्यूशन हम बर्दाश्त करें, विषैले पानी को हम सहन करें, यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हम झेलें और नौकरियां दूसरे जिलों को दी जा रही हैं यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इस बिल का पूरा विरोध किया जाएगा और इसको लेकर युवाओं के बीच जागरूकता अभियान भी पूरे फरीदाबाद और गुरुग्राम में चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बिल के पारित होने से जिले के युवाओं के भविष्य पर भी तलवार लटक गई है और प्रतिभाशाली युवाओं को रोजगार के अवसर से वंचित रहना पड़ेगा क्योंकि उनके हिस्से का रोजगार दूसरे जिलों के युवाओं को मिल जाएगा अतः हमारी सरकार से मांग है कि इस बिल में 10% वाली जो शर्त है वह हटा दी जाए या उसको बढ़ा दिया जाए तब ही यह बिल लोकल युवाओं के सार्थक साबित होगा