Faridabad News, 04 March 2019 : महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर श्री महावीर मंदिर सेवा समिति सैय्यद वाडा ओल्ड फरीदाबाद में पूजा अर्चना का आयोजन पण्डित राजीव शास्त्री नेतृत्व में किया गया। इस मौके पर मंदिर के प्रमुख सेवादार मूलराज नन्द्राजोग, टोनी पहलवान, स. कुलदीप सिंह साहनी, रमेश चौधरी, सोनू शर्मा, राजेश भगत, हंसराज कत्याल, अश्वनी नन्द्राजोग, सुनील नन्द्राजोग, देवेन्द्र तनेजा, धीरज वधवा, जीतू मटके वाला, बाबू मटके, प. महेश वाला सहित अन्य ने शिवलिंग पर दूध चढ़ाया और देश, प्रदेश व समाज में सुख शान्ति की कामना की।
इस अवसर पर पूजा अर्चना करने के उपरांत टोनी पहलवान, व स. कुलदीप सिंह साहनी ने संयुक्त रूप से कहा कि महाशिवरात्री हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है। जिसे हिंदू धर्म के प्रमुख देवता महादेव अर्थात शिव जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्री का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन शिवभक्त एवं शिव में श्रद्धा रखने वाले लोग व्रत.उपवास रखते हैं और विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना करते हैं।
टोनी पहलवान ने कहा कि महाशिवरात्री को लेकर भगवान शिव से जुड़ी कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस विशेष दिन ही ब्रम्हा के रूद्र रूप में मध्यरात्री को भगवान शंकर का अवतरण हुआ था। वहीं यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव कर अपना तीसरा नेत्र खोला था और ब्रम्हांड को इस नेत्र की ज्वाला से समाप्त किया था। इसके अलावा कई स्थानों पर इस दिन को भगवान शिव के विवाह से भी जोड़ा जाता है और यह माना जाता है कि इसी पावन दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था।
इस मौके पर मंदिर प्रमुख सेवादार श्री मूलराज नन्द्राजोग व पण्डित राजीव शास्त्री ने संयुक्त रूप से कहा वैसे तो प्रत्येक माह में एक शिवरात्री होती है। परंतु फागुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को आने वाली इस शिवरात्री का अत्यंत महत्व है। इसलिए इसे महाशिवरात्री कहा जाता है। वास्तव में महाशिवरात्री भगवान भोलेनाथ की आराधना का ही पर्व है। जब धर्मप्रेमी लोग महादेव का विधि.विधान के साथ पूजन अर्चना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। जो शिव के दर्शन.पूजन कर खुद को सौभाग्यशाली मानती है। उन्होने कहा कि महाशिवरात्री के दिन शिव जी का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन एवं अभिषेक किया जाता है और बिल्वपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर, उम्बी आदि अर्पित किया जाता है। भगवान शिव को भांग बेहद प्रिय है अत: कई लोग उन्हें भांग भी चढ़ाते हैं। दिनभर उपवास रखकर पूजन करने के बाद शाम के समय फलाहार किया जाता है। इससे सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है।