Faridabad News, 13 April 2019 : नवरात्रोंं के अष्ठमी के दिन सिद्धपीठ मां वेष्णोदेवी मंदिर में मां महागौरी की भव्य पूजा की गई। इस अवसर पर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। मंदिर में श्रद्धालुओं ने मां महागौरी की पूजा अर्चना में हिस्सा लिया। इस मौके पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने पूजा व हवन का शुभारंभ करवाया। मां महागौरी की पूजा के साथ साथ मंदिर में माता के रूप में कंजक पूजन भी किया गया। इस मौके पर प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि मां महागौरी को शुद्व देसी घी का हलवा-पूरी एवं गुलाबी रंग बेहद पसंद हैं। इस अवसर पर श्री भाटिया ने सभी भक्तों को अष्ठमी पूजन की शुभकामनाएं भी दीं।
श्री भाटिया ने बताया कि हिंदू धर्म में राम नवमी का विशेष महत्व हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ की पहली पत्नी कौशल्या की कोख से भगवान राम के रूप में जन्म लिया था। हिंदू मान्यताओं में भगवान राम को सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। कहा जाता है कि श्री गोस्वामी तुलसीदास जी ने जिस राम चरित मानस की रचना की थी, उसका आरंभ भी उन्होंने इसी दिन से किया था।
इस दिन विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है। भक्त अपने अराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम राम के लिए दिन भर उपवास रखते हैं। घरों में राम के जन्मोत्सव के मौके पर उन्हें पालने में झुलाया जाता है। विशेष रूप से खीर का भोग लगाने की परंपरा है। इसी दिन चैत्र नवरात्रि का नवां यानि कि अंतिम दिन होता है। जिसका समापन कन्या पूजन के साथ किया जाता है।
इस दिन हजारों की संख्या में भक्त भगवान राम की जन्म स्थली अयोध्या पहुंचकर सरयू नदी में स्नान करते हैं। मान्यता है कि इस दिन सरयू नदी में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्तों को भगवान राम की असीम कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि राम नवमी के दिन भगवान राम की विधि विधान पूजा करने से कलयुग में सब दुखों का विनाश हो जाता है।