ग्रीन इंडिया फाऊंडेशन ट्रस्ट द्वारा बालाजी कॉलेज में मानस पर्व पत्रिका का विमोचन कार्यक्रम आयोजित

0
430
Spread the love
Spread the love

फरीदाबाद (31 जुलाई) : मनुष्य का प्रकृति के साथ एकाकार ही है सच्चा मानस पर्व, जिसका रास्ता एक सच्ची शिक्षा से होकर जाता है। प्रकृति सदैव सबको संतान की भांति प्रेम कर माफ करती है और उनके जीवन हेतु व्यवस्था करती है। मानस पर्व पत्रिका आज उसी प्रकृति को हमारा उपहार है। ये विचार भारत सेवा प्रतिष्ठान के निदेशक श्री कृष्ण सिंहल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहे।

बालाजी कॉलेज बल्लभगढ़ में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा मासिक पत्रिका मानस पर्व का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें डी ए वी शताब्दी कॉलेज फरीदाबाद की प्राचार्या डॉ सविता भगत ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारी शिक्षा का पर्यावरण से ओपचारिक संबंध भी नही रह गया है जिससे हमारे संस्कार और व्यवहार में गिरावट आई है। शिक्षा एक शसक्त साधन के रूप में पर्यावरण से सामंजस्य, सहज आचरण और संतुलित जीवन हेतु तैयार कर सकती है। इस कमी को मानस पर्व पूरी करेगा ऐसा उन्होंने विश्वास जताया।

विशिष्ट अतिथि संयुक्त राष्ट्र संघ के भारतीय पत्रकारिता सलाहकार दीपक परवतियार ने कहा कि भारत भूमि सृजन और परम ज्ञान की भूमि है जो पूरे विश्व के पालन की क्षमता रखता है। हमारा अपरिग्रह का आचरण और विश्व शांति का स्वभाव प्रकृति के सर्वाधिक नजदीक लेकर जाता है और हमारी शाश्वत संस्कृति का मूल है।

मानस पर्व के प्रधान संपादक जगदीश चौधरी ने कहा कि प्रकृति अनुरूप व्यवहार, समय अनुसार नियोजन और निस्वार्थ सहजीवन हमारे जीवन को सार्थक बनाता है परंतु आज जैसे ये जीवन मूल्य कहीं खो से गए हैं। सभी व्यक्तिगत स्वार्थ में सबके से अपने , हम से मैं तक सिकुड़ गए हैं। परंतु हमारा मूल स्वभाव संकीर्णता का नही अपितु विस्तार का है। यही हमारी प्रकृति प्रदत्त वृत्ति है। आज की पीढ़ी को ऐसे संस्कारों से जोड़ने हेतु इस पत्रिका की शुरुआत की गई है । फरीदाबाद जो जल, मिट्टी और वायु में पृथ्वी के श्रेष्टम स्थल में से एक था आज प्रदूषण में श्रेषतम है। ये हमारे विकास नही अपितु पतन की यात्रा है। अब श्रेष्ठ जन का ज्ञान, अनुभव और कार्य समाज तक पहुंचाने का काम यह पत्रिका करेगी।

यमुना पुत्र अशोक उपाध्याय ने कहा की मानस पर्व संभवतः शिक्षा और पर्यावरण को समर्पित पहली पत्रिका है जो अपने आप में एक उपलब्धि है।

समारोह में लोक नायक जय प्रकाश नारायण शोध संस्थान के अध्यक्ष अभय सिन्हा, पर्यावरणविद और पत्रकार प्रशांत सिन्हा, राकेश बिसला, महेंद्रू ने अपने विचार रखे।
वरिष्ठ पत्रकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के मीडिया सलाहकार ज्ञानेंद्र रावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया और सभी को इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने की बधाई दी।

इस अवसर पर प्राध्यापक उषा डागर, ममता मालिक, चेतन प्रकाश, इशू जैन, के के झा, दिनेश कुमारी सहित अनेक सामाजिक लोगों ने भागीदारी की ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here