February 21, 2025

मात्र दिखावा साबित हो रही है मनोहर सरकार की ‘फाइनल सेटलमेंट स्कीम’ : मनोज अग्रवाल

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Manoj
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Faridabad News, 17 Sep 2019 : हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने मंडियों में बूथ, दुकान और प्लाट पर कब्जा लेने के बावजूद पूरी राशि का भुगतान नहीं करने वाले डिफॉल्टरों को राहत देने के उद्देश्य से मनोहर सरकार द्वारा शुरु की गई ‘फाईनल सेटलमेंट स्कीम’ को अधिकारियों की लापरवाही के चलते सिरे नहीं चढ़ पा रही है। ऐसा ही एक मामला बल्लभगढ़ के व्यापारी राजेश कुमार का प्रकाश में आया है, जिन्होंने सन् 1999 में 14,18,000/- रुपए का एक प्लाट (शॉप न. 37, एन. वी.एम, बल्लभगढ़) में 25 प्रतिशत राशि का भुगतान कर के खरीदा। मार्केट में एक दशक तक विकास का कोई कार्य ना होने के कारण वहां व्यापारियों का व्यापार फल- फूल नहीं पाया, जिसके परिणामस्वरूप प्लाट मालिक बाकी का बकाया अदा नहीं कर पाए। कई वर्षों की कानूनी लड़ाई लडऩे के बाद हाईकोर्ट ने मूलधन के ऊपर 15 प्रतिशत सिंपल ब्याज व 4 प्रतिशत पेनल ब्याज पर अलॉटियों को राशि अदा करने का फैसला सुनाया, जिसके बाद 2014 में कुछ लोगों ने कोर्ट के तय नियमों के अनुसार बकाया राशि अदा कर दी। आश्चर्यजनक बात है कि जिस फैसले के अनुरूप बोर्ड ने कई लोगों से पैसा भरवाए, उसी फैसले के खिलाफ बोर्ड के अधिकारियों ने फाइनेंसियल कमिश्नर के पास अपील कर दी। जिस पर सुनवाई करते हुए एफसीए ने 31/05/19 को अधिकारियों की अपील खारिज करते हुए सिंपल ब्याज के नियमों के तहत ही अलॉटियों को राशि भुगतान करने का आदेश दिया। राजेश कुमार ने इसी आदेश के अनुसार 14/06/2019 को मार्केट कमेटी के समक्ष अपने प्लाट की बकाया राशि अदा करने के लिए आवेदन दिया। अधिकारियों उनके मामले में कोई सुनवाई होता ना देख उन्होंने 25/06/19, 21/08/19, 27/08/19 व 13/09/2019 को लगातार अधिकारियों को उनके मामले के निपटारे हेतु लिखित आवेदन दिया, परंतु फिर एक बार उन्हें अधिकारियों से न्याय के बदले सिर्फ बेइज़्ज़ती ही मिली। वहीं इस मामले में बल्लभगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनोज अग्रवाल ने मनोहर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार के मताहत अधिकारी लोगों को परेशान करने में लगे है। इस प्रकार व्यापारियों को परेशान करना पूरी तरह से गलत है और वह इसकी निंदा करते है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो वैसे ही भाजपा सरकार में व्यापार व कामधंधे चौपट हो गए है और व्यापारी किसी तरह सरकारी नियमों की पालना करता है तो अधिकारी उसे करने नहीं देते। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस मामले में मार्किट कमेटी के अधिकारियों के साथ बैठक करके पीडि़तों को राहत दिलाने का काम करेंगे। इस बारे में पीडि़त व्यापारी राजेश का कहना है कि यह तो सिर्फ एक व्यापारी की व्यथा है, अगर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए तो और भी लोग जो न्याय के लिए भटकने को मजबूर हैं वो सामने आ सकते हैं। प्रार्थी राजेश कुमार का कहना है कि मुझे अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। बल्लभगढ़ से पंचकूला, मंडी भवन तक मैंने न्याय की गुहार लगाई लेकिन आज तक कोई भी सुनवाई नहीं कि गई है।

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