Faridabad News, 16 Oct 2018 : स्वामी विवेकानंद एसोसिएशन हरियाणा काली मंदिर में दुर्गा पूजा के अवसर पर विशाल पूजा अर्चना का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से ने पण्डित तरूण भट्टाचार्य के सानिध्य में पूजा अर्चना की और दुर्गा मॉ से खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर पण्डित तरूण भट्टाचार्य ने कहा भारत देश पर्वों और मेलो की धरती है। भारत को पर्वों और मेलों की भूमि इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं और हर साल अपने त्यौहारों और उत्सवों को मनाते हैं। दुर्गा पूजा भारत का एक धार्मिक त्यौहार है। दुर्गा पूजा को दुर्गोत्सव या षष्ठोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा देवी जी हिमालय और मेनका की पुत्री और सती का अवतार थीं जिनकी बाद में भगवान शिव से शादी हुई थी। दुर्गा पूजा पहली बार तब शुरू हुई थी जब भगवान राम ने रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा से शक्ति प्राप्त करने के लिए पूजा की थी। यह एक परंपरागत अवसर है जो लोगों को एक भारतीय संस्कृति और रीति में पुन: जोडता है। उन्होने कहा कि दुर्गा पूजा का त्यौहार हर साल पतझड के मौसम में आता है। दुर्गा पूजा हिन्दुओं के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक होती है। इस त्यौहार को हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा हर साल महान उत्साह और विश्वास के साथ मनाया जाता है। सभी लोग कई स्थानों पर शहरों या गांवों में दुर्गा पूजा को अच्छे से सांस्कृतिक और परम्परागत तरीके से मनाते हैं। इस अवसर पर साधौन घोष प्रधान पूजा कमेटी, सास्वत चोक्रवती महासचिव पूजा कमेटी, असित दास व एस.बी शाह उपप्रधान, पार्थो रॉय कोषाध्यक्ष, संजय चौक्रवती, प्रोबीर मुखर्जी, प्रणब चक्रवोती, एस.भट्ट, सुधान घोष, शामलडे सहित ने भी संयुक्त रूप से कहा कि यह अवसर बहुत ही खुशी वाला होता है खासकर विद्यार्थियों के लिए क्योंकि उन्हें छुट्टियों के कारण अपने व्यस्त जीवन से कुछ आराम मिल जाता है। दुर्गा पूजा के त्यौहार को बहुत ही अच्छे तरीके से मनाया जाता है और कुछ बडे स्थानों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है। दुर्गा पूजा को बहुत से राज्यों जैसे दृ ओडिशा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के लोग बहुत ही बडे तौर पर मनाते हैं।