Faridabad News : एमडीयू ने इस वर्ष तीसरे सेमेस्टर में दाखिला लेने के लिए पहले सेमेस्टर के 50 प्रतिशत विषय में पास होना और पांचवे सेमेस्टर में दाखिले के लिए पहले सेमेस्टर के सौ प्रतिशत विषय में पास होना अनिवार्य का नियम लागू किया था। लेकिन एनएसयूआई ने इसका लगातार विरोध किया। जिसे देखते हुए सरकार ने इन आदेशों को वापस ले लिया है। इस बारे में एक पै्रसवार्ता को संबोधित करते हुए एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि छात्रों ने एमडीयू के तुगलकी फरमान के खिलाफ बिगुल बजा दिया था। लगातार 9 दिन तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद एमडीयू ने अपना नियम वापस ले लिया है। उन्होंने बताया कि नियम के खिलाफ अलग कॉलेजों में प्रदर्शन किया जा रहा था। 11 जुलाई को लघु सचिवालय का घेराव कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी, तब जाकर 12 जुलाई को एमडीयू ने छात्रों के संघर्ष के समक्ष अपने घुटने टेके हैं। अत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राइवेट कॉलेज और सरकारी कॉलेजों के छात्रों के साथ भेदभाव की नीति अपना रही है। सरकारी कॉलेजों में जहां एमडीयू के इस नियम का हवाला देते हुए छात्रों का एडमिशन नहीं लिया जा रहा था, वहीं प्राइवेट कॉलेजों में यह नियम देखने को ही नहीं मिल रहा था। प्राइवेट कॉलेजों में छात्रों को एडमिशन शुरू से ही दिया जा रहा था।