Faridabad News, 27 Aug 2020 : अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान की अध्यक्षता में वीरवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, पोषण अभियान तथा वन स्टॉप सेंटर के संबंध में बैठक आयोजित हुई, जिसमें इन योजनाओं के तहत संचालित कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि महिलाओं व बच्चों के लिए चलाई जा रही इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग की अधिकारी व कर्मचारी पूरी तत्परता से कार्य करें और अधिक से अधिक लाभपात्रों को इनका लाभ देना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत तीन किश्तों में पांच हजार रूपए की सहायता राशि दी जाती है, ताकि गर्भवती महिला अच्छा खानपान व स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रख सके। इस योजना के तहत गर्भवती महिला को किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में 150 दिनों के अंदर पंजीकरण करवाना होगा तथा सभी दस्तावेज के साथ आवेदन करना होगा, जिस पर पहली किस्त के रूप में एक हजार रूपए मिलेंगे। दूसरी किस्त के तहत 180 दिनों के बाद सभी जरूरी दस्तावेज सहित कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच के साथ आवेदन करने पर दो हजार रूपए की राशि प्रदान की जाएगी। तीसरी किस्त के तहत शिशु जन्म का पंजीकरण तथा शिशु को बी.सी.जी., ओ.पी.वी., डी.पी.टी. एवं हेपेटाइटिस-बी टीकाकरण होने बाद सभी दस्तावेज सहित आवेदन करने पर दो हजार रूपए की राशि प्रदान की जाती है। पोषण अभियान के तहत जन्म से छह वर्ष के शिशु, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान करने वाली माताओं को अनिमिया, अल्प पोषण आदि से बचाने के लिए उन्हें जरूरी खानपान के बारे में बताया जाता है और समय-समय पर उनकी काउंसलिंग की जाती है। इस अभियान के तहत पौष्टिक आहार, हैंडवाश, साफ-सफाई व डायरिया से बचने के उपाय बताए जाते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी शांति जून ने बताया कि कोविड-19 के दौरान भी विभाग की अधिकारियों व कर्मचारियों ने इम्युनिटी बूस्ट करने, स्वास्थ्यवर्धक डाइट के बारे में समुदाय को जागरूक किया गया। जन स्वास्थ्य विभाग व पंचायती राज विभाग के सहयोग से समय समय पर हाइजीन, सेनेटाइजेशन व सुरक्षित पेयजल के संबंध में जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत विभाग की ओर से अनेक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। विभिन्न स्थानों पर इस अभियान से संबंधित संदेश, गा्रफिक्स, व वीडियो शेयर की जा रही हैं। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए भी विभिन्न गतिविधियां चलाई जा रही हैं। विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर एल.ई.डी. पर स्क्रोल चलाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर (सखी) चलाया जा रहा है। इसमें महिलाओं का निजी व सार्वजनिक स्थानों पर, परिवार, समुदाय के अंदर और कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक छत के नीचे एकीकृत समर्थन और सहायता प्रदान की जाती है। इन सेंटर में पीड़ित महिलाओं को चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता, कानूनी सहायता व परामर्श, पांच दिन तक अस्थाई आश्रय व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा प्रदान की जाती है। पीड़ित महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 181 की सुविधा भी शुरू की गई है।
इस अवसर पर एसडीएम फरीदाबाद जितेंद्र कुमार, डीआरडीए के सीईओ अमरदीप जैन, नगराधीश व जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राकेश मोर, उप सिविल सर्जन डॉ. रमेशचंद, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुशीला, सीडीपीओ मीनाक्षी चौधरी, अनिता शर्मा, अनिता गाबा, मीरा व जिला संयोजक पोषण अभियान गीतिका सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।