Faridabad News, 27 Feb 2019 : ईस्ट इंडिया कालोनी सेक्टर-22 की सामुदायिक भवन की जमीन को निजी कंपनी को वापिस बेचने के मुद्दे को लेकर बुधवार को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने महासचिव मनोज पाठक के नेतृत्व में एडीसी जितेंद्र दहिया को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से एसो. के पदाधिकारियों ने बताया कि ईस्ट इंडिया कालोनी में नगर निगम द्वारा जनसुविधा हेतु छोड़ी गई जमीन जिन पर निगम द्वारा एक सामुदायिक भवन मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत लगभग एक करोड़ 35 लाख रुपये पास हुए थे, जिसका टैंडर भी हो गया, अचानक उन्हें पता चला कि यह जमीन नगर निगम द्वारा एक ऑर्डर 10 दिसंबर, 2018 को पास किया गया, जिसके तहत एक निजी कंपनी को वापिस बेच रहे है। उन्होंने बताया कि यह जमीन लगभग 42 कनाल है, जिसको दो सेल डीडी नंबर 4314, 4315 तारीख 25-11-1976/29-11-76 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने नगर निगम के पक्ष में पूर्ण अधिकारों सहित मालिकाना हक निगम को दे दयिा। इस जमीन का तथा जमीन पर बने 216 मकानों का मालिकाना हक पाने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने निगम पर ट्रायल कोर्ट में एक केस दायर किया, जिसका फैसला 27-10-1997 को कंपनी का दावा खारिज कर निगम के पक्ष में किया। फिर ईस्ट इंडिया कंपनी ने सिविल दायर की और फैसला 20-3-1999 को कंपनी का दावा खारिज हुआ और निगम के पक्ष में फैसला आया। इतना ही नहीं बल्कि 5 फरवरी 2019 को निगम हाऊस मीटिंग में भी सभी पार्षद ने उपरोक्त जमीन को निजिी कंपनी को वापिस नहीं कर सकते है, का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास किया। एसो. के लोगों ने एडीसी से गुहार लगाई कि वह निगम के 10 दिसंबर, 2018 के आदेश को रद्द करके जनसुविधा हेतु छोटी गई जमीन जिस पर सामुदायिक भवन पास किया है, इसे बनाया जाए, जिससे वार्ड चार, पांच व अन्य लगभग एक लाख लोगों को राहत मिल सके। एडीसी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनकी इस मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार करके लोगों को राहत प्रदान करने का काम करेंगे। इस मौके पर पूर्व उपमहापौर राजेंद्र भामला, पार्षद जयवीर खटाना सहित अनेकों कालोनीवासी मौजूद थे।