Faridabad News : नगर निगम के निरंकुष अधिकारियों पर अंकुष लगाने व कर्मचारियों के शोषण व उनकी मांगों को कार्यान्वित कराने की मांग को लेकर निगम के सैकड़ों कर्मचारी कल एन.एच-4 स्थित हनुमान मंदिर पर भोजनवाकाष के समय एकत्रित होकर बड़खल विधानसभा की विधायिका सीमा त्रिखा को ज्ञापन सौपेंगे।
नगरपालिका कर्मचारी संघ राज्य प्रधान नरेष कुमार शास्त्री ने निगम प्रषासन पर कर्मचारियों के साथ वायदाखिलाफी व तानाषाहपूर्ण रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे है। इस वजह से कर्मचारी मजबूर होकर आंदोलन करने के लिए मजबूर है। श्री शास्त्री ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम में सफाई कर्मचारियों के पास सफाई करने के औजार उपलब्ध नहीं है। वहीं कर्मचारियों की संख्या भी क्षेत्रफल आबादी के अनुपात में कम है। संघ द्वारा अधिकारियों को बार-बार षिकायत करने के बाद भी राजनीतिक और अधिकारियों की कोठी पर लगे 300 सफाई कर्मचारियों, फोगिंग में लगे 60 सफाई कर्मचारियों व पषु दस्ते में कार्यरत 40 सफाई कर्मचारियों को सफाई के काम पर नहीं लगाया जा रहा है। सफाई व्यवस्था खराब होने का जिम्मेदार सफाई कर्मचारियों को बताकर अपनी नाकामी का टीकरा सफाई कर्मचारियों के सिर फोड़ा जा रहा है। इसी प्रकार सीवर की व्यवस्था भी पूरी तरीके से चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि निगम में 688 कर्मचारियों को निगम रोल पर करने, छंटनीग्रस्त 22 टयूबवैल आॅपरेटरों व 8 गार्डों को डयूटी पर लेने सहित अन्य 12 सूत्रीय मांग पत्र विधायिका सीमा त्रिखा को सौंपा जाएगा।
प्रैस को बयान जारी करते हुए नगरपालिका कर्मचारी संघ राज्य के जिला सचिव नानकचन्द खैरालिया, वरिष्ठ उपप्रधान गुरचरण खांड़िया, सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलवीर बालगुहेर, सचिव सोमपाल झिंझोटिया, सीवरमैन यूनियन के प्रधान सुभाष फेंटमार, वाॅटर सप्लाई यूनियन के प्रधान रामकिषोर त्यागी, ड्राईवर यूनियन के प्रधान परसराम अधाना, वेद भडाना, मैकेनिकल यूनियन के प्रधान महेष शर्मा, सहायक सफाई निरीक्षक के प्रधान बिषन स्वरूप तेवतिया, आउटसोर्सिंग में लगे तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के प्रधान सतीष पहलवान, रंजीत शुक्ला ने कहा कि कर्मचारियों को निगम अधिकारियों द्वारा न्याय न मिलने की वजह से जनप्रतिनिधियों के दरवाजे पर मदद के लिए गुहार लगानी पड़ रही है। यदि चुने हुए प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान व शोषण पर रोक नहीं लगाई तो नगर निगम के सभी विभागों के कर्मचारी मजबूर होकर अनिष्चितकालीन आंदोलन पर जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।