फरीदाबाद। प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई आफ इंडिया द्वारा जारी मिशन 100 प्लस और मिशन 5 ऐक्स के साकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। संगठन के 20 सदस्यों को ग्रोथ ऐक्सेलरेशन प्रोग्राम फार एसएमई (गैप्स) के तहत फाइनेंशियल इंसेन्टिव प्रदान किया गया है।
उल्लेखनीय है मिशन 100 प्लस और मिशन 5 ऐक्स के तहत आईएमएसएमई आफ इंडिया ने जहां 100 उद्योगों को 100 करोड़ की टर्नओवर पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है वहीं मिशन 5 ऐक्स के तहत छोटे उद्योगों की टर्नओवर को तीन वर्ष के भीतर 5 गुणा करने की मुहिम जारी है।
संगठन के चेयरमैन श्री राजीव चावला के अनुसार संगठन के सदस्यों को “वेकअप टू इंसप्रिरेशन – अपना टाईम आएगा” प्रोजैक्ट के तहत आगे बढऩे के लिये तैयार किया जा रहा है। गैप्स के तहत मिले फाइनेंशियल इंसेन्टिव की जानकारी देते हुए श्री चावला ने बताया कि संगठन के 20 सदस्य उद्योगों को 2.5 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं ताकि यह उद्योग अधिक तेजी से अपना विस्तार कर सकें।
श्री चावला ने बताया कि इन्सेन्टिव फोर बिजनेस एंड सेल्स ग्रोथ, इन्सेन्टिव फार क्वालिटी इम्प्रूवमैंट और इंसैन्टिव फार प्रोडक्टीविटी एन्हांसमैंट की तीन श्रेणियों के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिसका उद्देश्य उद्योग के विस्तार और विकास को तीव्र गति से सुनिश्चित करना है।
श्री चावला ने जानकारी दी कि पहली कैटागिरी के तहत छोटे उद्योगों को प्रतिवर्ष 9 लाख रूपये का इन्सेन्टिव दिया जाएगा जिससे वे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रदर्शनियों में अपने उत्पादन को प्रदर्शित कर सकते हैं। इस बैच में इसे दो उद्यमियों की दिया जा रहा है। इस इन्सेन्टिव के तहत स्टाल चार्जिज, एयर टिकट व अन्य खर्चों सहित प्रमोशनल के रूप में होने वाला खर्च शामिल है।
दूसरी कैटागिरी में संगठन के चार सदस्यों को 20 लाख रूपये प्रतिवर्ष तक का इन्सेन्टिव स्वीकृत किया गया है, जिससे वे लैब इक्यिूपमैंट, टैस्टिंग और माप तोल संबंधी खर्च कर सकते हैं। इस कैटागिरी में उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष फोकस केंद्रित किया गया है।
तीसरी कैटागिरी में प्रोडक्टीविटी एन्हांसमैंट के लिये प्रति यूनिट को 20 लाख रूपये आधुनिक तकनीक का उद्योग में समावेश करने के लिये स्वीकृत किया गया है। इस वर्ष संगठन के 14 सदस्यों को यह इन्सेन्टिव दिया जा रहा है।
श्री चावला के अनुसार वर्तमान में जबकि उद्योगों के समक्ष कई प्रकार की चुनौतियां हैं, ऐसे में नये अवसर भी उद्योगों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आवश्यकता इस बात की है कि इन अवसरों की पहचान की जाए और उनका लाभ उठाया जाए। आपने बताया कि आईएमएसएमई आफ इंडिया के 100 प्लस व 5 ऐक्स प्रोजैक्ट इन्हीं अवसरों की पहचान करने व उनका लाभ उठाने के लिये उद्योगों को जागरूक कर रहे हैं और यह हर्ष का विषय है कि कुछ ही माह में काफी साकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।