Faridabad News, 20 Dec 2021: विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा के पहले दिन के सत्र में हरियाणा सरकार से पूछा की हरियाणा सरकार की नई भर्ति में (विज्ञापन सं 8/2015, श्रेणी-1),(विज्ञापन सं 7/2015, श्रेणी-19),(विज्ञापन सं 7/2015, श्रेणी-17), तथा (विज्ञापन सं 11/2015, श्रेणी-2) में सामान्य जातियों में आर्थिक रूप से पिछडे अभ्यथियों के अन्तर्गत चयनित हुए उम्मीदवारो की संख्या कितनी है तथा उपरोक्त विज्ञापनों में सामान्य जातियों में आर्थिक रूप से पिछडे अभ्यर्थियो के अन्तर्गत नियुक्त हुए उम्मीदवारो की संख्या कितनी है तथा तथा उपरोक्त विज्ञापनों में सामान्य जातियों में आर्थिक रूप से पिछडे अभ्यर्थियो में चयनित उम्मीदवारो को नियुक्ति नही दिए जाने के क्या कारण है। विधायक श्री शर्मा ने कहा की आर्थिक रूप पिछडे हुए वर्ग के लोगो को हुडडा सरकार में 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया था लेकिन भाजपा सरकार सिर्फ इसमें भेदभाव कर रही है। जिसपर सरकार ने जवाब देते हुए कहा की उपरोक्त मामला उच्च न्यायलय मंे विचाराधीन है जिसके चलते अभी सामान्य जातियों में आर्थिक रूप से पिछडे अभ्यर्थियो को नियुक्ति नही दी जा सकती, जिसपर नीरज शर्मा ने कहा की कोर्ट में ऐसा कोई स्टे नही है जिसपर कहा गया हो की नियुक्ति ना दी जाए, आपको बताना चाहूंगा उपरोक्त विज्ञापनों के अलावा अन्य विज्ञापनो में सामान्य जातियों में आर्थिक रूप से पिछडे अभ्यर्थियो को कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के बावजूद सिर्फ कुछ उम्मीदवारो को नियुक्ति दी गई है।
इसके अतिरिक्त अतांरांकित प्रश्न भी पूछा जिसमें उनके द्धारा अपनी विधानसभा के गांव बाजाडी एंव गांव डबुआ का मामला भी उठाया जिसमें उनके द्धारा सरकार से पूछा गया की गांव बाजाडी एंव गांव डबुआ को वर्ष 1994 में नगर निगम में शामिल किया गया था जिसमें गांव की कई सौ करोड की जमीन भी नगर निगम में शामिल हुई थी, लेकिन आज भी गांव में मूलभूत सुविधओ का आभाव है विधायक श्री शर्मा ने सरकार को धेरा हुआ कहा की क्या गांव बाजाडी को गांव पाली से जोडने वाले मुख्य रास्ता का निर्माण कार्य कबतक पूर्ण किया जाएगंा तथा गांव डबुआ के बाहरी रास्ते तथा डबुआ गांव के शामशान घाट की मरम्मत का कार्य कबतक पूर्ण किया जाएगा। जिसपर सरकार द्धारा जवाब दिया गया की उपरोक्त गांवो का कोई ऐसा प्रस्ताव नगर निगम के पास नही है। श्री शर्मा ने कहा की पंचायतो की कई सौ करोड रू की जमीन नगर निगम के पास चली गई लेकिन अभी भी गांव के लोग विकास की राह ताक रहे, ऐसे में सरकार का जवाब काफी शर्मनाक है।