शरण पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणें अमृतमय हो जाती हैं : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

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Faridabad News, 01 Nov 2020 : श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में शरण पूर्णिमा की रात्रि विशिष्ट पूजन किया गया। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर जीव जगत का कल्याण करता है।

दिव्यधाम के अधिष्ठाता श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बताया कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में अमृतमय कण होते हैं। यही कारण है कि इस दिन खीर पकाकर रात्रि काल में खुले स्थान में ढंककर रखे जाने का विधान है। जिसे सुबह खाने से स्वास्थ्य पर बड़ा अच्छा प्रभाव माना जाता है। उन्होंने मंदिर में विशेष पूजन कर लोककल्याण के लिए प्रार्थना की। स्वामीजी ने बताया कि शरण पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं में पूर्ण होता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने महारास किया था। जो समस्त जगत को प्रेम पूर्ण व्यवहार में रहने की सीख भी देता है।

उन्होंने बताया कि इस दिन व्रत रखने, पूजन करने से भगवान बड़ा प्रसन्न होते हैं। जिन्हें मानने वालों की संख्या करोड़ों में है। यहां आश्रम में शरण पूर्णिमा स्थापना काल से ही मनाए जाने का विधान रहा है।

रात्रि काल में आश्रम के अर्चकों ने मिलकर भजन आदि गाए जिसका लाइव प्रसारण देश विदेश में फैले श्रद्धालुओं के हितार्थ सोशल मीडिया माध्यमों से किया गया।

 

 

 

 

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