माता अमृतानंदमयी देवी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ़रीदाबाद में किया 2,600 बिस्तरों वाले भव्य अस्पताल का उद्घाटन

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फ़रीदाबाद, दिल्ली-एनसीआर : 24 अगस्त, 2022: देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्वभर में मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरू के रूप में अपनी पहचान रखनेवाली माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) की‌ दिव्य उपस्थिति में फ़रीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया.‌ इस विशेष मौके पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, हरियाणा के ऊर्जा व भारी उद्योग मंत्री श्री कृष्ण पाल और माता अमृतानंदमयी मठ के उपाध्यक्ष व अमृता विश्व विद्यापीठम के अध्यक्ष स्वामी अमृतास्वरूपानंद पुरी भी उपस्थित थे.

उल्लेखनीय है कि अस्पताल के उद्घाटन के अवसर पर सैंकड़ों सरकारी व ग़ैर-सरकारी गणमान्य हस्तियां, देश-विदेश से आए मेडिकल प्रोफ़ेशनल व चिकित्सा संबंधी शिक्षाविद आदि शामिल हुए. इस मौके पर‌ दिल्ली, फ़रीदाबाद और आसपास के‌ इलाकों से आए हज़ारों लोगों ने भी उत्साहवर्धक तरीके से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. देश के सबसे बड़े‌ निजी अस्पताल के ऐतिहासिक उद्घाटन के मौके पर  दुनियाभर से आए अम्मा के हज़ारों भक्त भी शामिल हुए.

अस्पताल परिसर में पहुंचने‌ के बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने‌ अम्मा, श्री बंडारू दत्तात्रेय और श्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में दीप प्रज्ज्वलित किया. इसके बाद श्री नरेंद्र मोदी ने अन्य गणमान्य हस्तियों के‌ साथ अमृता अस्पताल परिसर का दौरा किया. इस मौके पर उनके साथ अमृता अस्पतालों के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर प्रेम नायर और फ़रीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल के चिकित्सा एवं प्रशासकीय निदेशक डॉ. संजीव सिंह और स्वामी निजामरितानंदा पुरी भी थे. अस्पताल का दौरा खत्म कर सभी ने वहां इकट्ठा हज़ारों आम लोगों और शुभचिंतकों को‌ संबोधित करने के लिए पंडाल की ओर प्रस्थान किया. बाद में देश‌ के प्रधानमंत्री ने एक नामपट्टी का अनावरण कर अस्पताल का औपचारिक रूप से उद्घाटन‌ किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल की नामपट्टी का अनवारण कर अस्पताल का विधिवत रूप से उद्घाटन किया. इस विशेष अवसर पर बोलते हुए श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है और ऐसे में लोगों की सामूहिक इच्छाएं व इच्छाशक्ति प्रबल रूप से सामने आ रही हैं. ऐसे में इससे बढ़िया और क्या हो सकता है भला कि देश को अस्पताल के रूप में माता अमृतानंदमयी माता का आशीर्वाद मिल रहा है. यह अस्पताल आधुनिकता और आध्यात्मिकता का बढ़िया मेल है और यह ज़रूरतमंद मरीज़ों के इलाज के लिए आसानी से उपलब्ध रहेगा. चाहे इमारत के निर्माण की बात हो या फिर आधुनिक टेक्नोलॉजी की या फिर सहानुभूति व देखभाल के स्तर पर बात की जाए, यह अस्पताल अपने आप में अद्वितीय है. यह आध्यात्मिक चेतना और आधुनिक विश्व का अनोखा संगम है. यह अस्पताल ग़रीब मरीज़ों के लिए प्रभावी इलाज का एक उम्दा ज़रिया साबित होगा.

उन्होंने आगे कहा, “अम्मा प्रेम, सहानुभूति, सेवा और त्याग की मूर्ति हैं. वो भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं की वाहक हैं. फ़रीदाबाद में अमृता अस्पताल के रूप में हमें आशीर्वाद देने के लिए मैं उन्हें प्रणाम करता हूं. भारत एक ऐसा देश है जहां पर किसी बीमार का इलाज करने को एक पवित्र कार्य के तौर पर देखा  जाता है, जहां सेहत और अध्यात्म अंतरंग रूप से जुड़े हुए हैं. प्राचीन काल में भारतीय चिकित्सा विज्ञान को वेद अथवा पवित्र ज्ञान माना जाता था. उन्होंने चिकित्सा विज्ञान को आयुर्वेद का नाम दिया था. सदियों की गुलामी के दौरान भी भारत ने कभी भी अध्यात्म और सेवा से जुड़ी परंपराओं का साथ नहीं छोड़ा. यह भारत का सौभाग्य है कि देश के हरेक कोने में अम्मा जैसे गुरुओं के रूप में आध्यात्मिक ऊर्जा फ़ैली हुई है. धार्मिक व आध्यात्मिक संस्थानों द्वारा शिक्षा व चिकित्सा देने संबंधी प्रणाली को प्राचीन काल का पीपीपी मॉडल माना जाता था. इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तौर पर जाना जाता हैं लेकिन मैं इसे ‘परस्पर प्रयास’ के तौर पर देखता हूं.”

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा, “जब भारत ने कोविड वैक्सीन को विकसित किया था तो कुछ शरारती लोगों ने अफ़वाहों का सहारा लेकर समाज में झूठी बातें फ़ैलाने की भरकस कोशिश की थी. ऐसे में धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं ने एकता का परिचय देते हुए लोगों से ऐसी अफ़वाहों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देने की अपील की थी. ऐसी अपीलों का लोगों पर तात्कालिक तौर पर असर देखने को मिला था जिसके चलते बाक़ी देशों में वैक्सीन लगाने को लेकर जो झिझक थी, वैसी बेचैनी भारत के लोगों में देखने को नहीं मिली. लाल किले की प्राचीर से मैंने अमृत काल के लिए 5 प्रण को लेकर बात की थी. इनमें से एक प्रण गुलामी की मानसिकता को पूरी तरह से त्यागना है. जब हम सब इस तरह की मानसिकता को त्याग देंगे, तभी हमारे कार्यों की दिशा में बदलाव आना शुरू हो जाएगा. इसकी झलक आज हमारे देश की चिकित्सा प्रणाली में बख़ूबी देखा जा सकता है क्योंकि हमारे पारंपरिक ज्ञान में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है. आज योग और आयुर्वेद को वैश्विस रूप से स्वीकार किया जा रहा है और पूरी दुनिया अगले साल ‘अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज दिवस’ का जश्न मनाने जा रही है.

आशीर्वाद स्वरूप अपना भाषण देते हुए अम्मा ने लोगों से कहा, “बीमारी से व्यक्ति के मन में असंतोष का निर्माण होता है. ऐसे में किसी भी सामान्य मनुष्य की तुलना में हमें बीमार लोगों की अधिक देखभाल करनी चाहिए. बीमारी की अवस्था में अस्पताल मरीज़ो के लिए एकमात्र आश्रय सिद्ध होते हैं. जहां तक मरीज़ों की बात है तो तमाम डॉक्टर लोगों के लिए भगवान का ऐसा रूप होते हैं जो लोगों को दिखाई देते हैं और पीड़ित मरीज़ोंं को राहत पहुंचाने के लिए सतत काम‌ करते हैं. ऐसे में अस्पताल में कार्यरत करनेवाले डॉक्टरों, नर्सों और अन्य सभी कर्मचारियों के चेहरों पर‌ सदा मुस्कान‌ होनी चाहिए. आसपास ऐसे लोग होने चाहिए जो मरीज़ों से अच्छी-अच्छी बातें कर सकें. मरीज़ों के लिए उनकी आंखों में प्यार, लफ़्जों व छुअन‌ में अपनेपन‌ का एहसास होना‌ चाहिए. मरीज़ों के लिए उनका अच्छा श्रोता होना भी ज़रूरी है और मरीज़ों की मानसिक‌ हालत के‌ मुताबिक उन्हें मरीज़ों के साथ सलीके से पेश आने‌ का हुनर भी आना चाहिए.”

अमृता विश्व विद्यापीठम की कुलपति होने के नाते अम्मा ने श्रेष्ठ निजी विश्वविद्यालयों के विभिन्न स्कूलों व परिसरों में अंतर्विषयक शोध को बढ़ावा दिये जाने की बात कही. उल्लेखनीय है कि फ़रीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल ने विद्यापीठम के आठवें परिसर का स्थान ले लिया है. उन्होंने कहा, “हमारे विश्वविद्यालय अमृता विश्व विद्यापीठम में इंजीनियरिंग, कम्प्यूटिंग, बायोटेक्नो‌लॉजी, नानो-टेक्नोलॉजी और चिकित्सा संबंधी शिक्षा दी जाती है. इन सभी जगहों पर विभिन्न तरह का अनुसंधान करने‌ की उत्तम व्यवस्था है. अगर सभी शिक्षा संस्थान के छात्र एकत्रित रूप से अंतर्विषयक तरीके को आज़माएं और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करें तो दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे हासिल नहीं किया जा सकता है.”

वहां एकत्रित हज़ारों लोगों को संबोधित करते हुए अम्मा ने कहा, “हमें लोगों की सेवा करने का कोई भी मौका कभी गंवाना नहीं चाहिए.‌ दुनिया निस्वार्थ भाव से सेवा करनेवाले लोगों की बहुत इज़्ज़त करती है. हमें इस धरती को घायल अवस्था में नहीं छोड़ना है. इसके उलट, हमें धरती मां को फूलों से सजाना-संवारना और उसकी अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए.”

अमृता अस्पताल के रेसिडेंट मेडिकल‌ डायरेक्टर डॉ. संजीव सिंह ने फ़रीदाबाद स्थित अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर स्वागत भाषण दिया. ग़ौरतलब है कि इस 2,600 बिस्तरों वाले अस्पताल में 534 बिस्तर आईसीयू में हैं. उल्लेखनीय है कि यह देश के सबसे बड़े निजी अस्पतलों में से एक है.‌ इस अस्पताल में 81 स्पेशियालिटी विभाग (देश के किसी भी अस्पताल में सर्वाधिक) होंगे. इसके अतिरिक्त यहां पर 64 ऑपरेशन थिएटर्स और भारत के पहले प्रिसिशन-मेडिसिन ऑनकोलॉजी संबंधी 10 बंकर्स  भी मौजूद होंगे. इतना ही नहीं, अस्पताल के परिसर में एमबीबीएस की शिक्षा भी दी जाएगी जिसके तहत 150 चिकित्सा छात्र यहां पर रहते हुए शिक्षा हासिल कर सकेंगे. एक नर्सिंग कॉलेज, एलाइड हेल्थ साइंसेस के लिए एक कॉलेज की व्यवस्था भी यहां पर होगी. रक्त और अन्य किस्म के नमूनों के प्रसंस्करण के लिए एक अत्याधुनिक स्मार्ट लैब की व्यवस्था भी यहां पर की जाएगी.

फ़रीदाबाद का अमृता अस्पताल कुल 130 एकड़ परिसर में बना है और यह भारत की सबसे बड़ी ग्रीन-बिल्डिंग चिकित्सा परियोजना है जहां न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन होता है और यहां से गंदे पानी की बिल्कुल भी निकासी नहीं होती है. जल्द ही यह परिसर सौर ऊर्जा से सज्ज होगा. इसका कुल एकत्रित क्षेत्रफल 75 लाख वर्गफ़ुट है जिसमें से कुल 36 लाख वर्गफ़ुट क्षेत्रफल में अस्पताल की इमारतों का निर्माण किया गया है.

फ़रीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल के कई मल्टी-स्पेशियालिटी व सुपर-स्पेशियालिटी केंद्रों में इलाज के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें एक हार्ट इंस्टीट्यूट, जटिल किस्म के कैंसर का पता लगाने संबंधी संस्थान, सॉलिड-हार्ट ट्रांसप्लांटेशन, न्यूरोसाइंसेस व एपिलेप्सी संबंधी आधुनिक केंद्र, नेफ़्रोलॉजी और यूरोलॉजी केंद्र, डायबिटीज़ व मेटाबॉलिज़्म के लिए संस्थान, लीवर व बाइलियरी संबंधी बीमारियों के लिए केंद्र, न्यूनतम इंवेसिव व रोबोटिक सर्जरी संबंधी संस्थान, हड्डियों व जोड़ों से संबंधी दर्द के लिए केंद्र, फ़ेफ़ड़ों से जुड़ी बीमारियों के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र, शारीरिक तौर पर दी जानेवाली दवाइयों व पुनर्वास के लिए संस्थान, रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारियों के लिए केंद्र, मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स  के लिए एक आधुनिक प्रयोगशाला, मेडिकल इमेजिंग के लिए एक आधुनिक केंद्र और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी जैसे तमाम केंद्रों का शुमार है.

अमृता अस्पताल में मां और बच्चे की देखभाल पर विशेष ध्यान‌ केंद्रित किया जाएगा. ऐसे में यहां पर बच्चों से संबंधित एक अत्याधुनिक अस्पताल की व्यवस्था भी होगी जिसमें मातृत्व, प्रजनन, भ्रूण चिकित्सा, पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, हार्ट सर्जरी और ट्रांसप्लांटेशन, रूमेटोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, पन‌मोलॉजी, न्यूरोसाइंसेस, पेडियाट्रिक जेनेटिक्स, गैस्ट्रोएन्टिरोलॉजी, पेडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स, पेडियाट्रिक व भ्रूण सर्जरी जैसी चिकित्सा सुविधाओं का शुमार है.‌ उल्लेखनीय है कि भारत के ज़्यादातर अस्पतालों में उपरोक्त सभी तरह की सुविधाओं का अभाव है. इसकी वजह ये है कि ज़्यादतार अस्पताल मातृत्व से जुड़ी देखभाल को कमाई का लाभकारी ज़रिया नहीं मानते हैं.

अमृता अस्पताल का परिसर अपने आप में बेहद अनूठा कैंपस है. यह तीन लाख वर्गफ़ुट क्षेत्रफल में फ़ैला हुआ है, इसका शोध संभाग देश के सबसे सबसे उन्नत संभागों में से एक है, इसका गुड फ़ैन्युफ़ैक्चरिंग प्रैक्टिसेस (GMP) लैब उत्तम स्तर का होगा. इस अस्पताल का फ़ोकस बायोइफॉर्मेटिक्स, जिनॉमिक्स और प्रोटिओनॉमिक्स और एकीकृत ढंग से किये जानेवाले अनुसंधान पर रहेगा. मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी आधारित प्रशिक्षण का कार्य पश्चिमी देशों में होता है. अमृता अस्पताल‌ के परिसर में 1.5 लाख वर्गफ़ुट सिमुलेशन लर्निंग और विकास केंद्र होगा. यहां पर उच्च व निम्न फ़िडेलिटी, कैडेवर, माइक्रोवैस्कुलर और सर्जिकल सिमुलेशन संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें रोबोटिक्स और हैप्टिक्स भी शामिल है और इससे सुविधाएं सभी स्पेशियालिटी डिपार्टमेंट में होंगी.

इस अस्पताल में जल्द ही प्रशिक्षण देने का भी काम शुरू किया जाएगा. अमृता विश्व विद्यापीठम को इस साल NIRF की ओर से देश के पांचवें सबसे श्रेष्ठ विश्वविद्यालय की रैंकिंग (NAAC एक्रिडिटेशन A++) से नवाज़ा गया है. इसका मेडिकल कॉलेज केरल के कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल में है जिसे देश का आठवां श्रेष्ठ अस्पताल होने का दर्जा हासिल है. प्रशिक्षण देने के मामले में अमृता अस्पताल अनुसंधान पर ज़ोर देगा जिसका उपयोग नवीनतम ढंग से चिकित्सा से जुड़े समाधान खोजने और लोगों को बेहतर इलाज देने के लिए किया जाएगा ताकि भारत में चिकित्सा के मौजूदा मानचित्र को में बड़ा बदलाव लाया जा सके.

फ़रीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल के निर्माण से ना सिर्फ़ फ़रीदाबाद और हरियाणा के लोगों को चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होंगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर की पूरी आबादी को भी इसका‌ भरपूर लाभ मिलेगा. इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान के साथ-साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों के लोगों को भी इसका फ़ायदा होगा. ऐसे में संपूर्ण क्षेत्र में चिकित्सा संबंधी ख़र्च में भारी कमी आएगी क्योंकि यह अस्पताल पूरी तरह से लाभ-निरपेक्ष होकर काम करता है. उल्लेखनीय है कि कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल की तर्ज़ पर यह अस्पताल भी ग़रीब व ज़रूरतमंद लोगों को मुफ़्त अथवा कम ख़र्च पर बढ़िया इलाज मुहैया कराएगा.

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