Chandigarh News : हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री विपुल गोयल ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने उपरान्त पास आऊट युवाओं से आह्वान किया है कि वे एनसीवीटी पाठ्यक्रम के तहत आरम्भ किए जा रहे प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली के तहत प्रशिक्षु प्रशिक्षण हासिल करे और उद्योगों के मांग के अनुरूप स्वयं को रोजगारपरख बनाएं। श्री विपुल गोयल आज यहां हरियाणा सिविल सचिवालय चण्डीगढ़ स्थित उनके कार्यालय में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के साथ राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रोहतक और राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गुरुग्राम के बीच एनसीवीटी पाठ्यक्रम के तहत प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए हुए समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने उपरान्त बोल रहे थे। विभाग की ओर निदेशक श्री आर.सी. बिधान व मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की ओर से प्रशिक्षण अकादमी श्री मुकेश कुमार गुप्ता ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर श्री गोयल ने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वे कम्पनी द्वारा गोद ली गई पांच अन्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में भी प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली के कोर्स चलाए। इस बात की भी जानकारी दी गई कि प्रशिक्षु प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को 14 हजार रुपये वजीफा दिया जाएगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रोहतक व गुरुग्राम में फीटर व मशीनिनिस्ट टे्रडों के प्रशिक्षु प्रशिक्षण कोर्स चलाएं जाएंगे।
उद्योग मंत्री ने जानकारी दी कि कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, हरियाणा 156 सरकार के नेटवर्क के माध्यम से तथा 232 निजी आईटीआईज में एक और दो साल की अवधि के इंजीनियरिंग और गैर-इंजीनियरिंग व्यापार पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। चालू शैक्षणिक वर्ष 2017-18 के दौरान, राजकीय आईआईटी में प्रवेश के लिए 3518 टे्रड में 60292 सीटें और निजी आईटी में प्रवेश के लिए 2295 टे्रडों में 38832 सीटें स्वीकृत की गई हैं। इस वर्ष 72293 उम्मीदवारों ने राजकीय प्रशिक्षण संस्थानों में दाखिला लिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1966 में जब हरियाणा अस्तित्व में आया, तो 48 राजकीय प्रशिक्षण संस्थान थे। जिनमें 7156 सीटे स्वीकृत थी। अब कुल 388 आईटीआईज है जिनमें 99124 स्वीकृत सीटे है और 78 विभिन्न ट्रेडों में पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। श्री गोयल ने बताया कि विभाग द्वारा उद्योग क्षेत्र परिषद के माध्यम से पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण पद्धति और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में सुधार से आईटीआई में प्रशिक्षण की गुणवत्ता नियमित रूप से अपग्रेड की जा रही है। भारतीय बाजार की मांग के मुताबिक नए ट्रेडे भी आरम्भ किए जा रहे हैं। बैठक में विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री टीसी गुप्ता ने उद्योग मंत्री को इस बात की भी जानकारी दी कि महानिदेशालय, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा अगस्त 2016 से प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली (डीएसटी) नामक योजना आरम्भ की गई थी। इस योजना का मुख्य उददेश्य उद्योगों की भागीदारिता से उद्योगों की मांग के अनुरूप पाठ्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके आईटीआईज से पास आऊट युवाओं को प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगारपरक बनाना है।
उन्होंने इस बात से भी अवगत करवाया कि दोहरी प्रणाली प्रशिक्षण 16 ट्रेडस लिए उपलब्ध है जिनमें इलेक्ट्रिकियन, फिटर, मशीनिनिस्ट, टर्नर, इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, वेल्डर, मैकेनिक डीजल, मैकेनिक (मोटर वाहन), कॉस्मेटोलॉजी, टूल एंड डाई मेकर, ड्राफ्ट्समैन (मैकेनिकल), अटैन्डेंट ऑपरेटर (केमिकल प्लांट), मैकेनिकल रैफरीजिरेटर और एयर कंडीशनिंग, प्लंबर, ऑटोमोटिव बॉडी रिपेयर एवं आटोमोटिव पेंट रिपेयर ‘शमिल है। उन्होंने बताया कि इस समझौते ज्ञापन के बाद हरियाणा में पहली बार एनसीवीटी के तहत रोहतक व गुरुगाम की आईटीआई में पाठ्क्रम चलाएं जाएंगे । उन्होंने बताया कि इससे पूर्व राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पंचकुला में एससीवीटी के तहत दो ट्रेडस कॉफ्टसमैन फूड प्राडक्शन व केटरिंग तथा हास्पिटेलिटी असिस्टैंट के पाठ्क्रम होटल पल्लवी के सहयोग से चलाए जा रहे हैं।