MRIIRS और ICAR – भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने बाजरा संवर्धन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

0
498
Spread the love
Spread the love

फरीदाबाद, सोमवार, 25 अप्रैल, 2022: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ और आईसीएआर-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर), हैदराबाद ने अनुसंधान और अकादमिक साझेदारी के माध्यम से बाजरा को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

एमओयू पर श्री आर.के. अरोड़ा, रजिस्ट्रार, एमआरआईआईआरएस, और डॉ. विलास ए टोनपी, निदेशक, आईआईएमआर द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस समय डॉ. बी. दयाकर राव, प्रधान वैज्ञानिक और सीईओ, न्यूट्रीहब और डॉ. स्टेनली, प्रभारी-आईपीआर, आईआईएमआर; डॉ. जी.एल. खन्ना, एमआरआईआईआरएस के प्रो-वाइस चांसलर; प्रो. एम. रिज़वी, स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के डीन; प्रो. कोम्मी कल्पना, एचओडी, खेल संकाय, और एन एंड डी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. दिव्या सांघी आदि उपस्थित थे।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) एक प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थान है जो ज्वार और अन्य बाजरा पर बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान करता है।

आईआईएमआर बाजरा, मोती बाजरा और छोटे बाजरा पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर बाजरा अनुसंधान का समन्वय और सुविधा प्रदान करेगा, और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ संबंध बनाए रखेगा। आईआईएमआर उन्नत बाजरा की खेती, फसल उत्पादन और संरक्षण उपायों में अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है ताकि बाजरा उत्पादन और बाजरा उत्पादों की मांग को बढ़ाया जा सके, साथ ही बाजरा के अपने ईट्राइट ब्रांड के माध्यम से सामान्य आबादी को सस्ती कीमत पर पौष्टिक खाद्य पदार्थ वितरित किया जा सके।

मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज का मानना है कि भारत में एक स्थायी स्वास्थ्य वातावरण के लिए संयुक्त प्रयास विभिन्न विषयों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। यह कृषि क्षेत्र के साथ-साथ स्वास्थ्य और आहार में एक छोटी क्रांति हो सकती है। साझेदारी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में रहती है और दृष्टि एक लंबा सफर तय करती है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here