फरीदाबाद, 16 जुलाई। आम आदमी पार्टी सांसद डा सुशील गुप्ता ने फरीदाबाद के खोरी में तोडे गए सभी मकान मालिको को पूर्नवास करने की मांग की है। उनका कहना है कि यहां पिछले 1970 के दशक से यह गांव बसा हुआ है। जहां 25 हजार से अधिक मकानों में 1 लाख से अधिक लोग रहते है, ऐसे में वह कहां जायेंगे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कोर्ट में गांव वासियों का पुर्नवास की बात कहते हुए एफिडेविट दिया था। मगर खटटर सरकार कोर्ट से निकलते ही पूर्नवास पर दिए एफिडेविट को भूल गई। बल्कि वह गांव वासियों पर पुलिस की लाठी चलवाती है। जिसकी आम आदमी पार्टी कडी निंदा करती है।
डा गुप्ता ने कहा कि इस कारोना काल में ना जाने यह लोग कैसे अपना गुजर बसर कर रहें है। गांव वासी अधिकतर मजदूर तबके से आते है। ऐसे में कोरोना काल में उनका जीवन चलाना मुश्किल हो गया है। इन लोगों के सामने जीने-मरने का सवाल पैदा हो गया है। दूसरा प्रदेश सरकार उनको उजाडने में लगी हुई है।
उन्होंने कहा बेहतर होता अगर हरियाणा की खटटर सरकार ने खोरी गांव तोडने से पूर्व कोर्ट में दिए अपने एफिडेविड पर कायम रहते हुए निवासियों केा बसाने का काम करती। लेकिन अब वह एफिडेविट में लिखी अपनी ही बात से मुकर रही है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि प्रदेश सरकार केवल दस्तावेज दिखाने वालों का ही पूर्नवास करेंगें। जबकि सच्चाई यह है कि खोरी में 25 हजार से अधिक मकानों में करीबन 1 लाख लोगों की आबादी रहती है। ऐसे में वहां रहने वाले बाकी लोग कहां जायेंगे, सरकार बताएं। जिन लोगों ने वहां अपना सबकुछ बेचकर वहां मकान बनाए है, उन सभी परिवारों की पुर्नवास की व्यवस्था करना एक मानवीय जरूरत भी है।
मालूम हो आम आदमी पार्टी ने बीते कई महीनों से दिल्ली बाॅर्डर पर स्थित हरियाणा के खोरी गांव को तोड़ने से पहले लाखों लोगों के पूर्नवास की मांग करती आ रही है। इस संबंध में आम आदमी पार्टी ‘आप’ के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने खोरी निवासियों के पूर्नवास हेतू प्रधानमंत्री, राष्टृपति को ज्ञापन भी दे चुके है।
डा सुशील गुप्ता ने कहा कि खोरी गांव में ज्यादातर लोग पूर्वांचल से सबंध करते है। खोरी गांव की करीबन एक लाख की आबादी में गर्भवती महिला, बुजुर्ग, बच्चे भी हैं और वे सभी मजदूरी कर अपना पेट पालते है। वह केवल अपना पूर्नवास देने की मांग सरकार से कर रहें है, जोकि इनका हक भी है।
लेकिन लगता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को इन मजदूर तबके के पूर्वांचलियों से नफरत है। बिहार, उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों से आए उक्त लोंगो से घृणा करते है। यही कारण है कि वह उनको बसाने की बजाए उजाडने पर आमादा है। उन्हें चाहिए कि वह मानवता के आधार पर भी उनका पूर्नवास करने की व्यवस्था के बारे में सोचे।