फरीदाबाद, 18 सितम्बर। वार्ड समितियों के गठन और कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप के बारे में जनाग्रह संस्था (बैंगलोर) द्वारा चाटर्ड एकाउन्टेंट बिल्डिंग में कार्यशाला का आयोजन किया गया। उसके लिए जनाग्रह संस्था जो बैंगलोर की संस्था है उनसे नगर निगम द्वारा समझौता (एमओयू) हुआ है और जो कि बिना किसी खर्चे के नगर निगम फरीदाबाद के साथ जुड़ यह संस्था काम करेंगी। जनाग्रह जो संस्था है वह बैंगलोर में 198 वार्ड कमेटियों के साथ काम कर रही है इन्होंने उसके बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए। उक्त कार्यशाला का उदघाटन नगर निगम के आयुक्त यशपाल यादव ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इस कार्यशाला में चाटर्ड एकाउन्टेंट, वार्ड समिति के सदस्यों, अन्य संस्थाओं, एनजीओ तथा आरडब्ल्यूए के पदाधिकारीगणों ने भाग लिया तथा उक्त कार्यशाला में अतिरिक्त आयुक्त वैशाली शर्मा, अभिषेक मीणा, अतिरिक्त निगमायुक्त इन्द्रजीत कुलड़िया, संयुक्त आयुक्त डा नरेश, गौरव अंतिल, कारपोरेशन सेक्रेट्री अनिल कुमार सहित निगम के अन्य अधिकारी भी शामिल थे।
निगमायुक्त यशपाल यादव ने मोनिका शर्मा, मीना खन्ना, पूजा बहल, मनाली गुप्ता, गुरप्रीत कौर, पूजा गुप्ता, अनिल शर्मा, एकता रमन, प्रताप, प्रमोद मनोचा, उमेश अरोड़ा, अजित सिंह पटवा को मास्टर ट्रेनर्स लगाने के लिए नियुुक्ति पत्र दिये और बताया कि यह मास्टर ट्रेनर्स सभी वार्डों, स्कूल तथा कालेजों में जाकर लोगों-छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के बारे में बताएंगे और उन्हें जागरूक करेंगे।
कार्यशाला में निगमायुक्त ने आए हुए सभी उपस्थितिगणों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे शहर के बारे में सोचना है। आज गार्वेज फ्री सिटी को लेकर हमारी यह बड़ी शुरूआत है। आप सभी का सहयोग मिला और इससे हमारा भी उत्साहवर्धन हुआ है। उन्होंने कहा कि जब 1994 में हरियाणा म्युनिसिपल एक्ट बना उस समय इस एक्ट में वार्ड कमेटी की परिकल्पना मौजूद थी। एक्ट के अंदर प्रोविजन है कि हर म्यूनिसिपल कारपोर्रेशन के पास वार्ड कमेटी होनी चाहिए। उन वार्ड कमेटी का उद्देश्य क्या होगा कितने लोग होंगे किस तरह के लोग होंगे किस रूप से लोग होंगे यह उसके अंदर शामिल है।
निगमायुक्त ने कहा एक सिटी लेवल पर म्यूनिसिपल कारपोर्रेशन पूरे एरिया के लिए एक कमेटी होगी जो सैन्ट्रल लेवल की कमेटी होगी उसके नीचे 40 वार्डों की कमेटी होगी। उनके नीचे रेजीडेंस वैलफेयर एसोसिएशन के लेवल पर कमेटी होंगी और जो लास्ट कमेटी है वो आपके ब्लाक की होगी। निगमायुक्त ने कार्यशाला में कहा कि अभी यहां उपस्थितजनों ने बताया कि बैंगलोर ने वार्ड कमेटियों को 60 लाख रूपया दिया है। मैं इनको पूरा म्युनिसिपल कारपोर्रेशन के अंदर जो उस वार्ड में होगा पूरा स्ट्रैक्चर है इन वार्ड कमेटियों को सौंपना चाहता हूं। जिसके अंदर वार्ड के अंदर पानी से लेकर और प्लानिंग से लेकर हमें क्या करना चाहिए उस वार्ड के अंदर हम जो एजूकेशन कर रहे हैं उसकी स्कीम को मॉनिटरिंग करने से लेकर उसकी रिपोर्टिंग करने तक का कार्य उस वार्ड के अंदर नगर निगम के जितने भी अधिकारी वार्ड लेवल पर काम कर रहे है वह वार्ड कमेटी का पार्ट होंगे। निगमायुक्त ने बताया कि नगर निगम फरीदाबाद ने हर वार्ड के लिए सीनियर नोडल अधिकारी नियुक्त किए है ताकि समय-समय पर नोडल अधिकारी हर वार्ड में स्वच्छता के मामले में निगरानी रखें। गार्वेज फ्री सिटी को लेकर हमारे जो जूनियिर इंजीनियर होंगे वो वार्ड कमेटी के सेक्रेट्री होंगे और बाकी के अधिकारी चाहे वो इंजीनियरिंग विभाग, सैनिटेंशन विभाग अथवा जो भी ठेकेदार/एजेन्सी वाटर, सीवरेज, स्ट्रीट लाईटें देखती है वो वार्ड कमेटी के प्रति उनकी जवाबदेही रहेगी। वार्ड कमेटी के पदाधिकारी प्रत्येक वार्डों में साफ-सफाई, सीवरेज-पानी जैसी समस्याओं को चैक कर सकती है और निगम अधिकारियों को सुझाव दे सकती है और हर महीने अपनी रिपोर्ट निगम मुख्यालय में भेज सकती है।
कार्यशाला के अंत में हयूमन काइंड एनजीओ की पदाधिकारी मोनिका ने गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग करने के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि गीले कचरे को खाद बनाने के रूप में इस्तेमाल कर सकते है तथा पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकता है।