Faridabad News, 07 May 2020 : उत्तर भारत में रामानुज संप्रदाय के तीर्थ क्षेत्र श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में श्री नृसिंह जयंती विधि विधान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर दिव्यधाम के अधिपति जगदगुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने षोडश विधि से भगवान का पूजन कर लोककल्याण के लिए कामना की।
उन्होंने याचकों से कहा कि भगवान कभी भी अपने भक्त को निरोश नहीं करते। वह अपने भक्त की पुकार को सुनकर दौड़े चले आते हैं और नृसिंह अवतार तो इस बात का द्योतक ही है। जिसमें भगवान ने अपने बालक भक्त की रक्षा करने के लिए अवतार तक ले लिया। स्वामीजी ने कहा कि नृसिंह भगवान का पूजन अर्चन करने वाले के जीवन से शोक संताप और डर समाप्त हो जाते हैं। भगवान इस अवतार में व्यक्ति को शक्तिशाली होने का भी संदेश देते हैं। वहीं धर्म मार्ग पर चलने का संबल भी प्रदान करते हैं।
श्री गुरु महाराज ने भगवान के दिव्य अर्चा विग्रहों का षोडशोपचार विधि से अभिषेक कर पूजन किया। उन्होंने बताया कि आज के इस महामारी काल के समय में भगवान से समस्त जीव के कल्याण के लिए प्रार्थना की है।
दिव्यधाम में श्री नृसिंह जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाने का रिवाज रहा है। जिसमें बड़ी शोभायात्रा निकाली जाती थी। लेकिन कोरोना काल में भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाने के उद्देश्य से मंदिर को पहले ही सभी के लिए बंद किया गया है। इसलिए केवल याचकों द्वारा भगवान की पालकी निकाली गई।