Faridabad News, 29 March 2019 : सामाजिक कार्यकर्ता वरुण श्योकन्द व आकाश हंस ने 2017 में डाली थी याचिका, इसमें उनके अधिवक्ता शरीक अब्बास जैदी व मानसी चहल है।। वरुण ने बताया कोर्ट ने फरीदाबाद में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए साफ-साफ निर्देश दिए, नगर निगम फरीदाबाद और हुड्डा डिपार्टमेंट के अफसरों को , की 2 हफ्ते के अंदर नीलम बाटा रोड पर स्थित सभी वाणिज्य स्थल, 22-24 डिवाइडिंग रोड स्थित सभी कंपनियां और सेक्टर 12 – 13 में एस्कॉर्ट द्वारा किए गए 2 एकड़ जमीन पर ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कब्जे, और शहर में जितने भी हरित पट्टी पर कब्जे हैं , सब को हटाया जाए। फरीदाबाद में किसी भी ग्रीन बेल्ट में ठेका अगर लगा हो तो उसे हटाया जाए, और कोई भी नया आवंटित ना किया जाए। यह ऐतिहासिक ऑर्डर 27/3/2019 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के जज श्रीमान रघुवेंद्र सिंह राठौर और सत्यवान सिंह जी ने दिया। जज साहब ने खासतौर पर कहा कोई भी वाणिज्य स्थल या फैक्ट्री ग्रीन बेल्ट मेंटेन करके यह ना समझे कि वह उसका मालिक है हर ग्रीन बेल्ट में एक गेट छोड़ा जाए जो आम पब्लिक के लिए खुला रहे।। साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता वरुण को स्वतंत्रता दी कि अगर 2 हफ्ते के अंदर कार्रवाई नगर निगम और हुड्डा ना करें और वाणिज्य स्थल व फैक्ट्री मालिक अपने सामने बनी पार्किंग व कंक्रीट सलैब तोड़ के पेड़ पौधे ना लगाए तो उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता है दोबारा कोर्ट में कंटेंप्ट पिटिशन डालने की।।