Faridabad News, 10 Aug 2020 : आयशर विद्यालय हमेशा से ही भारतीय सांस्कृतिक विरासत का उत्साही प्रवर्तक रहा है। हमारे हैंडलूम हमारी संस्कृति, विकास एवं देश की पहचान है। भारत की उत्कृष्ट बुनाई को बढ़ावा देने एवं दिखाने के लिए 7 अगस्त, 2020 को आयशर विद्यालय में ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ मनाया गया। भारत में 120 से अधिक विशिष्ट बुनाई हैं। प्रत्येक राज्य की विशिष्ट पहचान है लेकिन बाजार में स्टाइलिश कपड़े बेचने वाले अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की बाढ़ आ गई है। वर्तमान पीढ़ी पारंपरिक कपड़ों से दूर जा रही है। बच्चों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से कक्षा में भारतीय हथकरघा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई ताकि बच्चों को भारत के विभिन्न हथकरघा बुनकरों से परिचित कराया जा सके।
विद्यालय के सभी शिक्षकों ने विभिन्न राज्यों के हैंडलूम वस्त्रों को पहना जिससे बच्चों ने विभिन्न राज्यों के हैंडलूम वस्त्रों को देखा एवं उनके बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यह भी जाना कि हमारे पारंपरिक कपड़े किसी भी बहुराष्ट्रीय ब्रांड से कम नहीं हैं। इस दिवस का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई विचारधारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में एक कदम बढ़ाना था। हमें वास्तव में अपने कारीगरों पर गर्व है।