फरीदाबाद, 11 मार्च । मुख्य न्यायिक दंड अधिकारी मंगलेश कुमार चौबे ने कहा कि स्थानीय न्यायिक परिसर कल शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला में जिसके भी करोडों के लेन देन के मामले हैं। वो लोग मिडिएशन सेंटर में अपने मामले को ला सकते हैं। जहां पर उनके मामलें को जल्द-से-जल्द निपटारा हो जाता है। यहां पर उनके धन और समय दोनों की बचत होती है। उन्होंने बताया कि कमर्शियल कोर्ट एक्ट 2015 की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई है कि देश भर में बड़ी कंपनियों के आपसी विवाद का जल्द-से-जल्द निपटारा हो सके। इसका उद्देश्य ये है कि देश में आर्थिक गतिविधियां अधिक से अधिक बढ़ें। माना जाता है कि किसी भी बड़ी कंपनी या संस्थान के आपसी विवाद की वजह से बहुत से अन्य लोग तो प्रभावित होते ही हैं। साथ ही देश में होने वाली आर्थिक गतिविधियों भी धीमी हो जाती हैं। इस का उद्देश्य अर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। इस के तहत फरीदाबाद में एक बड़े शिक्षण संस्थान का मामला सुलझाया गया है। चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट जिला लिगल सर्विस एंव नोडल अधिकारी मिडिएशन और कौंसिल सेन्टर मंगलेश कुमार चौबे ने कानूनी सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आह्वान किया कि व्यापारी कानूनी मध्यस्थता का पूरा लाभ लें। इसके बाद मध्यस्थता की प्रक्रिया अधिवक्ता-मध्यस्थ निबरास अहमद ने वैकल्पिक विवाद समाधान और इसकी प्रासंगिकता और उसके शासन का वर्णन किया। एडवोकेट निबरास अहमद ने बताया कि मिडिएशन सेंटर फरीदाबाद में चीफ जुडिशियल अधिकारी एवं नोडल अधिकारी के माध्यम से फरीदाबाद में बड़े संस्थानों के विवाद को सफलतापूर्वक निपटाया जा रहा है। अधिवक्ता अहमद ने कहा कि कमर्शियल कोर्ट एक्ट 2015 की स्थापना इस लिए की गई है। ताकि न्यायलय में ज्यादा समय न लगे। इस नए कानून के मुताबिक धारा 12 ए के तहत एक्ट में प्रावधान है कि कमर्शियल कोर्ट एक्ट में अदालत में केस दायर करने से पहले दोनों पक्षों को मध्यस्थता प्रक्रिया में मिडिएशन सेंटर में जाना होगा। जो कि कानून के मुताबिक जरूरी है। यह प्रक्रिया काफ़ी सरल है। जिसमें समय और धन की बचत होती है।