Faridabad News, 27 May 2019 : आज एनएसयूआई डेलिगेशन ने प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री के नेतृत्व में हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में फायर सेफ्टी मुहैया कराने के लिए जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। डेलिगेशन में दुर्गेश दुग्गल, अमन वशिष्ठ, अंकित खटाना, राजू शामिल थे।
प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने उपायुक्त अशोक कुमार के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि गुजरात के सूरत में एक कोचिंग संस्थान में आग लगने के कारण करीब 20 से अधिक छात्र छात्राओं की मृत्यु हुई है तथा दर्जनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए है।
इस दुर्घटना के दौरान गुजरात सरकार और प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। मौके पर दमकल की जो गाड़ियाँ मदद के लिए पहुँची थी उनके पास मदद करने के लिए पूरी सामग्री भी नही थीं और तो और बच्चों को तीसरी मंजिल से नीचे उतारने के लिए सीढ़ियां तक उनके पास नही थी। अगर प्रशासन के पास पूरी सहायता सामग्री होती तो ज्यादातर बच्चों को बचाया जा सकता है।
कृष्ण अत्री ने गुजरात सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस गुजरात मॉडल के आधार पर 2014 में पूरे देश मे मोदी सरकार आई थी उस गुजरात में आज तक भी दमकल विभाग के पास सहायता उपकरण नही हैं। उन्होंने कहा अगर ऐसा ही गुजरात मॉडल है तो फिर हमें नही चाहिए ऐसा विकास मॉडल।
अत्री ने कहा कि सूरत की घटना से सबक लेते हुए हरियाणा सरकार को चाहिए की प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में फायर सेफ्टी के इंतजाम चेक कराने चाहिए और जिन शिक्षण संस्थानों ने जानबूझकर फायर सेफ्टी के इंतजाम नही कर रखे है उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को सूरत के मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी शिक्षण संस्थानों में फायर सेफ्टी के इंतजाम कराने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटना देखने को ना मिले और प्रदेश के समस्त दमकल विभागों को सम्पूर्ण सहायता सामग्री उपलब्ध करा देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर फरीदाबाद की बात करें तो यहां पर भी शिक्षण संस्थानों में आग बुझाने के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं है। फायर डिपार्टमेंट के पास 4 मंजिल तक आग बुझाने के साधन नहीं हैं। सरकार को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।