Faridabad News, 12 Oct 2019 : एन एच 3 स्थित डीएवी शताब्दी कॉलेज फरीदाबाद के आई क्यू ए सी सेल द्वारा एवं नैक प्रायोजित दो दिवसीय अंतर्विषय के ऊपर राष्ट्रीय संगोष्ठी समापन किया गया| समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह उपस्थित हुए| विशिष्ट अतिथि के रूप में उधोगपति सीइओ करन चौधरी मौजूद रहे और मुख्य वक्ता के रूप में भारत सरकार के मास्टर ट्रेनर डॉ आई जे मित्तल ने संगोष्ठी के विषय पर संछिप्त रूप से अपने विचार रखे|
एमडीयू रोहतक के उपकुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह ने कॉलेज प्राचार्य डॉ सतीश आहूजा व् डी ए वी शताब्दी कॉलेज की प्रशंसा करते हुए विश्वद्यालय का बेहतरीन संस्थाओ में से एक बताया| वर्त्तमान परिपेक्ष्य में कॉलेज द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में चुने गए विषय पर चर्चा करते हुए उपकुलपति ने कहा की व्यव्हारिकता प्रयोग को अत्यंत महतापूर्ण है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी में शोध पत्रों के माध्यम से ग्रीन फाइनेंस, ग्रीन मार्केटिंग, एम् कॉमर्स, जीएसटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम, फाइनेंस लिटरेसी, इ मार्केटिंग, महिला उधमशीलता, एवं पर्यटन के माध्यम से उद्दामिता जैसे वर्तमान विषयों पर अपने शोध पत्रों के निष्कर्षों की चर्चा की गयी | इस संगोष्ठी में भारत के अलग-अलग राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, सिक्किम से आए हुए विद्वानों ने भाग लिया| राष्ट्रीय संगोष्ठी में कुल 267 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमे 203 ने अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये|
दूसरे दिन तृतीय सत्र विज्ञान थीम पर तीन अलग-अलग चरण कंप्यूटर विज्ञान, फिजिक्स, और केमिस्ट्री विषय पर 88 प्रतिभागियों ने भाग लिया और 67 ने शोध पत्र प्रस्तुत किए| इस सत्र की अध्यक्षता प्रथम चरण में एमडीयू रोहतक के प्रोफेसर डॉ आर इस छिल्लर, द्वितीय चरण में एमआरआईआईआरएस फरीदाबाद के प्रोफेसर डॉ डीके शर्मा और तृतीय चरण में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली से शैफ अली चौधरी की| अंतिम सत्र की अध्यक्षता एमिटी यूनिवर्सिटी नॉएडा के सेंटर फॉर इंटरपेनॉर डेवलपमेंट की हेड नीलम सक्सेना ने किया|
प्राचार्य डॉ सतीश आहूजा ने बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी को भाषा, विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में हुए परिवर्तनशील शोध के निष्कर्षों को शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रयोग को जानने के उद्देश्य से आयोजित किया गया| साथ ही संगोष्ठी के माध्यम से प्रबंध भाषा एवं साहित्य के वर्ग में हुए नवीन व प्रचलित विषयों को शामिल कर शोध के क्षेत्र में उनके व्यवहरात्मक प्रयोग पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया| प्राचार्य डॉ सतीश आहूजा ने सफल आयोजन के लिए संयोजिका डॉ सुनीति आहूजा, संयोजक मुकेश बंसल, अरुण भगत, कार्यकारी सचिव डॉ रूचि, डॉ जितेंदर ढुल्ल, डॉ अंकुर, मीनाक्षी हूडा, अंकिता रंजन, ललिता ढींगरा को बधाई दी| संयोजक मुकेश बंसल ने दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की और अंत में संयोजक अरुण भगत ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया|