Faridabad News, 26 March 2021 : फास्ट ट्रैक कोर्ट में दोषी तौसीफ, रेहान और अजहरुद्दीन को शाम सवा चार बजे पेश किया गया था। बुधवार को सुने जाने वाले सभी मामलों में यह आखिरी केस था।
सबसे पहले आरोपियों को तमंचा उपलब्ध कराने वाले अजहरुदीन को बरी कर दिया गया। साथ ही उससे सीआरपीसी की धारा 346 के तहत बेल बॉन्ड भरवाया गया।
मामले में बरी होने के बावजूद यदि अभियोजन पक्ष की तरफ से उच्च न्यायालय में अपील होती है तो अजहरुदीन को भी मौजूद रहना होगा। इसके बाद तौसीफ को धारा 302, 366, 511, 34, 120 बी और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया। साथ ही रेहान को आर्म्स एक्ट के अलावा सभी मामलों में दोषी पाया गया।
निकिता के परिवार की ख्वाहिश है कि उनकी बच्ची को छीनने वालों के चेहरे फांसी के फंदे पर लटके मिलें, जिससे भविष्य में कोई भी तौसीफ किसी भी निकिता से जबरदस्ती करने से पहले हजार बार सोचे। इन आरोपियों का भी वैसा ही हश्र हो जैसा निर्भया के साथ दरिंदगी करने वालों का हुआ।
गौरतलब है कि निकिता तोमर बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा थी। 26 अक्टूबर को उसे उस समय आई-10 कार से किडनैप करने की कोशिश की गई थी, जब वह बल्लबगढ़ में अग्रवाल कॉलेज से फाइनल एग्जाम देकर बाहर निकल रही थी। जब निकिता ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उसे गोली मार दी। इस घटना में उसकी मौके पर ही मौत ही गई। यह पूरी घटना कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने इस मामले में जांच के दौरान तीन आरिपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें तौसीफ, रेहान और अजहरुद्दीन शामिल थे। इस मामले में करीब 55 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे।