Faridabad News, 04 June 2019 : श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में आज नामदान दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया जिसमें 261 लोगों ने नामदान प्राप्त किया। इस अवसर पर दीक्षा देते हुए अनंत श्रीविभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि नाम जप से व्यक्ति को जीवन में सम्बल प्राप्त होता है| नामजप व्यक्ति के जीवन की कठिनाईयों को सहजता से पार करने में सहायक होता है और नाम जपने वाले व्यक्ति मुक्तिधाम को जाते हैं|
श्री सिद्धदाता आश्रम में 261 लोगों को दीक्षा प्रदान की गयी| इस अवसर पर भक्तों को पांच विधियों से गुजरना पड़ता है जिसमें यज्ञ, ताप, नाम, यज्ञोपवीत,शरणागति शामिल होते हैं। श्री रामानुज संप्रदाय में ऐसा माना जाता है कि नाम दान प्राप्त करने के बाद भक्त की मुक्ति में कोई संशय नहीं रहता है और जीव आवागमन से छूट जाता है। इस अवसर पर स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने सभी विधियों को पूर्ण करने के बाद दिए संक्षिप्त प्रवचन में नामदान के महत्व एवं इसको धारण करने वाले शिष्यों के लिए कर्तव्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नामदान देने के बाद शिष्यों के बुरे कर्मफल आदि को भी गुरु अपने में समाहित करने लगते हैं। इसलिए शिष्यों को चाहिए कि वह गलत कर्म करने से बचें और गुरु के बताए उपायों को अपने जीवन में अपनाएं। श्री महाराज ने कहा कि रामानुज संप्रदाय में दीक्षित व्यक्ति को मोक्ष होना तय है। यह हमारे आचार्यों का भगवान के साथ भाव संंबंध है। उन्होंने बताया कि परंपरा के आचार्य रामानुज स्वामी जी भगवान से यह तय करके ही आए थे कि जिसे भी वह भगवान की शरण लगाएंगे उसे मुक्ति देनी होगी। श्री जी यानि लक्ष्मी जी द्वारा चलाए इस संप्रदाय को मानने वाले आज दुनिया में करोड़ों लोग हैं। जिसका उत्तर भारत में दिल्ली व हरियाणा में यह श्री सिद्धदाता आश्रम पवित्र तीर्थ क्षेत्र बन चुका है।