Faridabad News : सोमवार रात सेक्टर-16ए स्थित पं. जवाहर लाल नेहरू कॉलेज के बाहर धरना दे रहे एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री के दो मोबाईल, नगदी और एटीएम कार्ड सहित कपड़ो का बैग धरना स्थल से चोरी हो गया। चोरी की लिखित शिकायत पुलिस को दे दी गई है। हालांकि अभी इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है।
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि कॉलेज के बाहर उन्हें धरना देते हुए आज 37 दिन-रात पूरे हो गए। उन्होंने बताया कि वह कल सोमवार रात को रोज की तरह धरना स्थल पर ही सोये थे। सुबह जब छह बजे नींद खुली तो देखा कि उनके दोनों मोबाईल फोन और बैग वहां नहीं थे। बैग में 12000 रुपए नगद, एटीएम कार्ड, पेनकार्ड, टाईमएक्स वॉच, 2 चार्जर, 2 ईयरफोन सहित उनके कपड़े थे। चोरी की सूचना तुंरत 100 नंबर पर कॉल करके पुलिस को दी गई। इसके अलावा स्थानीय पुलिस चौकी में भी चोरी की एक लिखित शिकायत दे दी है।
कृष्ण अत्री ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे कॉलेज के एक छात्र को सेक्टर-3 से फोन आया कि दस्तावेज वाला एक बैग उनके घर मे कोई फैंक गया है। आकर इसे ले जाओ। कॉलेज छात्र ने इसकी सूचना हमें दी क्योंकि उक्त छात्र का कॉलेज फार्म और दस्तावेज भी उसी बैग में रखे हुए थे जो चोरी हुआ है। सेक्टर-3 के उक्त निवासी ने उक्त बैग को पुलिस के हवाले कर दिया था जिसे पुलिस ने कृष्ण अत्री को सौंप दिया। कृष्ण अत्री ने बताया कि बैग में सिर्फ एटीएम कार्ड और कपड़े थे। उनके दोनों मोबाईल फोन, पेनकार्ड, 12000 रुपए नगद, टाईमएक्स वॉच, 2 चार्जर, 2 ईयरफोन नहीं मिले हैं।
कृष्ण अत्री ने बताया कि उन्होंने धरना स्थल पर धरना देने से पूर्व जिला उपायुक्त को लिखित में पत्र देकर सुरक्षा व्यवस्था की मांग की थी। पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन को बताया कि वह और एनएसयूआई के कार्यकर्ता धरना स्थल पर रात को रूकेंगे लेकिन उसके बावजूद उन्हें कोई सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई। कृष्ण अत्री ने कहा कि खट्टर सरकार के पास विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज कराने के लिए तो पुलिस है लेकिन विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल मौजूद नहीं है। कृष्ण अत्री ने बताया कि धरना स्थल पर जहां से चोरी हुई है, वहां आस-पास सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं लेकिन पुलिस ने लगभग 12 घंटे बीतने के पश्चात भी मौके पर आकर मुआयना तक नहीं किया। कृष्ण अत्री ने कहा कि यदि पुलिस चाहे तो आसानी से इस चोरी की घटना का सुलझा सकती है लेकिन पुलिस ने अभी तक इस मामले में एफआईआर तक भी दर्ज नहीं की है। उन्होंने कहा कि जब धरना स्थल से सामान चोरी हो सकता है तो यहां हमारे साथ कोई वारदात भी घटित हो सकती है लेकिन प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा।