February 21, 2025

एनएसयूआई हरियाणा ने बिना परीक्षाओं के छात्रों को प्रोमोट करने के लिए राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

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Vikas phagna
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Faridabad News, 28 May 2020 : एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष विकास फागना ने बताया कि एनएसयूआई हरियाणा ने महामहिम राज्यपाल, हरियाणा को ईमेल के माध्यम से ज्ञापन भेजकर मांग की है कि बिना परीक्षाओं के छात्रों को प्रोमोट किया जाए। राज्यपाल को लोक डाउन के समय एनएसयूआई हरियाणा द्वारा प्रदेश भर में किए गए जनहित व जरूरतमंदों की सहायता के कार्यो के बारे भी विस्तार पूर्वक बताया। विकास फागना ने कहा कि प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा लेने के पुख्ता इंतजाम नही है ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प छात्रहित में नही है और वही पेन-पेपर से परीक्षा लेना छात्रों की जान से खिलवाड़ है। हाल ही में आईआईटी कानपुर-मेरठ-मुम्बई,एमिटी राजस्थान व महाराष्ट्र सरकार द्वारा बिना परीक्षाओं के छात्रों को प्रोमोट करने का निर्णय लिया गया है, ऐसे में हरियाणा सरकार भी इसके तर्ज पर ही यूजी, पीजी व अन्य कोर्सो के छात्रों को बिना परीक्षाओं के प्रोमोट करे। विकास फागना ने कहा कि कोविड-19 के चलते मार्च से लेकर अब तक लॉकडाउन लगा हुआ है जिसके कारण छात्रों की कक्षाएं नहीं लग पाई है और अगर डिजीटल प्लेटफार्म के माध्यम से लगी भी है तो महज औपचारिकता के लिए लगी है जिसमे व्हाट्सएप के माध्यम से कुछ पाठ्यक्रम मेटियरल भेजा गया है और देहात में रहने वाले छात्रों के पास वो भी नही पहुंचा। अगर सरकार इस दौरान ऑनलाइन परीक्षा भी लेती है तो हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत नहीं है कि सभी छात्र ऑनलाईन परीक्षा दे सकें इसलिए सरकार छात्रों को राहत देते हुए, बिना परीक्षा लिए अगले सत्र में 10 प्रतिशत ग्रेस अंकों के साथ प्रमोशन देने का काम किया जाना चाहिए। यूजीसी द्वारा परीक्षाओं के सन्दर्भ में गाइड लाइंस दिए जाने के बावजूद हरियाणा के छात्र अभी भी अपने भविष्य की चिंता में असमंजस में है क्योंकि राज्य की भाजपा-जजपा सरकार अब तक इस ओर कोई ठोस निर्णय नही ले पाई है।हाल ही में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, सी डी एल यू द्वारा परीक्षाएं लेने के लिए 1 जुलाई 2020 से 30 जुलाई 2020 तक के बारे में पत्र जारी किया गया है पर लेकिन ऐसे समय मे पेन पेपर से परीक्षाएं लेना छात्रों की जान से खिलवाड़ है। एनएसयूआई की मांग छात्रों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के संदर्भ में है जिसमे 10 ग्राउंड प्रमुख है कि कोरोना के रिस्क को कम करने के लिए छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही प्रोमोट किया जाए।इस समय छात्र तनाव में है, ऐसे में अगर उन्हें प्रोमोट किया जाए तो वह इस महामारी से लड़ने के लिए तनावमुक्त होंगे।व्हाट्सएप पर पीडीएफ भेजना कभी पाठ्यक्रम के सिलेबस को पूरा करने के बराबर नही हो सकता इसलिए बिना सिलेबस को पूरा किए परीक्षा लेना बिना इंक के पेन के बराबर है।ऐसे समय मे हर छात्र अलग अलग परिस्थिति में है व देहात में होने के कारण अनेको छात्र ऑनलाइन कक्षाओं से भी वंचित है और यदि परीक्षाए ली गई तो छात्रों के समानता के अधिकार का भी हनन है।देश के अनेको विश्वविद्यालयो व प्रदेशो द्वारा छात्रों को प्रोमोट किया गया है , इसके साथ ही यह संभव नही है कि छात्र प्रेक्टिल ज्ञान को स्क्रीन पर देखकर ले और वो भी आधा अधूरा तो उन्हें पेन पेपर परीक्षाओं के माध्यम से आंकलन करना गलत होगा।वही,जो छात्र अपने प्रदेशो में गए हुए है वो वापिस हरियाणा कैसे आएंगे यह भी चिंता का विषय है, अगर आएंगे तो इसके लिए सरकार की कोई तैयारी नही है।प्रदेश सरकार इस ओर कोई ध्यान नही दे रही कि जिन छात्रों के स्वयं व घरवाले कोरोना संक्रमण से पीड़ित रहे या रिकवर हुए उनकी क्या मानसिक स्थिति होगी। विकास फागना ने कहा कि छात्रहित में यही मांग है कि बिना परीक्षाओं के छात्रों को प्रोमोट किया जाए क्योंकि परीक्षाए लेकर जीवन से खिलवाड़ करना सही नही है, इसके साथ ही ऐसी परिस्थिति में अन्य दिक्कतों से सामना करने वाले छात्रों के लिए बिना परीक्षाओं के प्रोमोट करना राज्य सरकार की ओर से एक बहुत छोटी मदद है।

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