Faridabad News, 11 Oct 2018 : प्रदेश में 22 वर्षो के बाद अप्रत्यक्ष रूप से छात्र संघ चुनाव तो बहाल हो चुके है परन्तु इसका विरोध काफी समय से जारी है। प्रत्यक्ष चुनाव छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले हुई बैठक जिसमे एनएसयूआई, इनसो, एसएफआई, डीएएसएफआई, एएमवीए, एआईएसएफ, जीबीएसओ, कुसा, सोपू, एवीएसएसओ, जीसीएसयू आदि के प्रतिनिधियों ने सहमति जताई की सभी छात्र संगठन अप्रत्यक्ष चुनावो का बहिष्कार करेगे।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि प्रत्यक्ष चुनाव छात्र संघर्ष समिति ने अपने जारी बयान में कहा है कि समिति अप्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव का बहिष्कार करेगी और प्रदेश में छात्रो के लोकतांत्रिक हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रत्यक्ष चुनावो की मांग को जारी रखेगी। गौरतलब है कि सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से छात्र संघ चुनाव बहाल किए है परन्तु इसमें छात्रो के लोकतांत्रिक हितों का हनन साफ व सीधे रूप से होगा।
अत्री ने बताया कि समिति ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से छात्र संघ चुनाव करवाकर सरकारी तंत्र मंत्र से एबीवीपी को जिताने का सुनियोजित षड्यंत्र रच रही है।
प्रोफेसर तनकेश्वर कुमार की रिपोर्टअनुसार यदि किसी कक्षा में किसी छात्र का नॉमिनेशन उपयुक्त नही होगा तो उस कक्षा में एचओडी/क्लास इंचार्ज किसी छात्र को नॉमिनेट करेगा व उसके साथ साथ इंटिट्यूशन का हेड 5 छात्रो को नॉमिनेट करेगा जोकि कालेज की स्टूडेंट्स काउंसिल का चयन करेगे। ऐसे में यह साफ है कि यह चुनाव साफ व पारदर्शी तरीके से नही होंगे। इन चुनावों में सरकार द्वारा भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी को पूरी तरह से समर्थन मिलेगा और काउंसिल पर राज करने का अवसर।
समिति के अनुसार इन अप्रत्यक्ष चुनावो में सरकार द्वारा सरकारी तोते पैदा करने का काम किया जाएगा व असल मे प्रदेश को छात्र नेता नही मिल सकेंगे जिस वजह से छात्र संघ चुनाव का औचित्य प्रदेश की छात्रविरोधी भाजपा सरकार द्वारा खत्म किया जा रहा है।
कृष्ण अत्री ने बताया कि भाजपा सरकार के अप्रत्यक्ष चुनावो के इस तानाशाही फैसले के विरुद्ध समिति प्रदेश में अप्रत्यक्ष चुनावो का बहिष्कार करेगी और कल से सभी कालेज/विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगी।