फरीदाबाद, 30 नवंबर। महिला एवं बाल विकास द्वारा पोषण अभियान के अंर्तगत जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी कार्यक्रम के अंर्तगत पोषण ट्रैकर अैप लांच की गई थी, जिसका एक दिवसीय प्रशिक्षण आज मंगलवार को एनआईटी बाल भवन में आयोजित किया गया। प्रशिक्षणकर्ता अनूप जिला संयोजक पोषण अभियान नारनौल थे। इस प्रशिक्षण में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती मीनाक्षी, सीडीपीओ श्रीमती अनीता गाबा, श्रीमती मीरा, श्रीमती मंजु जिला संयोजक गीतिका, विकल के साथ लगभग दो सौ आंगनवाडी कार्यकर्ता सभी खंड से, सभी सुपरवाइजर मौजूद रही।
आप को बता दें कि जिला में कुपोषित बच्चों की पहचान करके उनका इलाज करवाया जाएगा। कुपोषित बच्चों का इलाज नागरिक अस्पताल बीके में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार निशुल्क किया जाएगा।
जिला मे कुपोषित बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्पर के माध्यम से चिन्हित किया जा रहा है। इसके अलावा सभी बच्चों का डाटा भी ऑनलाइन करना सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके लिए महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं।
महिला बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार गत 16 नवम्बर से जिला के सभी 1294 आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने के आदेश सरकार ने जारी किए गए है। अब जिला में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और हेल्पर्स अपने-अपने इलाकों में कुपोषित बच्चों की पहचान कर रही हैं। वे जीरो से 6 वर्ष की आयु के बच्चों की वजन और हाइट की जांच कर रही हैं और जो बच्चे कुपोषित पाए जा रहे हैं। उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने बताया महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा चिन्हित कुपोषित बच्चों का इलाज स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल करके नागरिक अस्पताल बीके में करवाया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व हेल्पर कोविड-19 के वैक्शीनेशन के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर सरकार द्वारा चलाई जा रही है हर घर दस्तक यानि घर घर पहुंच कर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का लोगों को वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना के बचाव के लिए लगाए जा रहे वैक्सीनेशन करने में सहयोग कर रही है।
पीओआईसीडीएस ने आगे बताया कि इसके अलावा जिला में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं हैल्परों द्वारा 0 से 6 वर्ष के आयु के बच्चों को का पूरा रिकॉर्ड CRID पोर्टल पर ऑनलाइन ही किया जा रहा है। अब तक जिला फरीदाबाद में 52.3 प्रतिशत 0 से 6 वर्ष तक आयु के बच्चों का रिकॉर्ड पोपण ट्रैकर पर ऑनलाइन किया गया है और जल्दी ही यह रिकार्ड 100 प्रतिशत ऑनलाइन कर दिया जाएगा।