Faridabad News, 17 April 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘कोविड-19ः चुनौतियां एवं अवसर’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया। टीईक्यूआईपी-3 द्वारा प्रायोजित इस सेमिनार का आयोजन राजकीय इंजीनियरिंग कालेज अम्बेडकर नगर के सहयोग से आयोजित किया गया था, जिसमें कुल 77 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
सेमिनार के उद्घाटन सत्र को कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने संबोधित किया और कोविड-19 से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं पर ऑनलाइन चर्चा और समाधान की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने शिक्षा और उद्योग जगत से जुड़े लोगों से आग्रह किया कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने तथा इसकेे प्रभावों को कम करने के लिए काम करें। कुलपति ने एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने के लिए आनलाइन सेमिनार आयोजित करने के लिए सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा की गई पहल की सराहना की।
इससे पहले, रजिस्ट्रार डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कोविड-19 की अवधि के दौरान विद्यार्थियों के पास उपलब्ध विभिन्न डिजिटल अवसरों के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
सेमिनार को संबोधित करते हुए एडोर वेल्डिंग लिमिटेड के सहायक महाप्रबंधक शेखर गुप्ता ने विद्यार्थियों को घर पर रहकर खुद को सुरक्षित रखने और परिवार के सदस्यों के साथ बेहतर समय बिताने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कोविड-19 के कारण उद्योग पर पड़ रहे वित्तीय प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कार्य स्थल पर सैनिटाइजेशन तथा सोशन डिस्टेंसिंग को बनाये रखने के लिए कर्मचारियों के बैठने की योजना एवं व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि समय बीतने के साथ अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।
जे.के. सीमेंट्स लिमिटेड के जोनल मैनेजर आर.के. झा ने सरकार द्वारा ‘जान है तो जहान है’ के नारे के साथ लिए गए साहसिक निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास किये जा रहे है और इन प्रयासों के कारण भारत जल्द ही निर्यातकों का एक बड़ा केंद्र बनेगा। हालांकि, श्रमिकों के पलायन के कारण निर्माण गतिविधि को फिर से शुरू करने में थोड़ा समय लगेगा।
सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. एम. एल. अग्रवाल ने कोविड-19 से बचाव के लिए गैर-संपर्क प्रकार की स्वचालित परिवहन प्रणाली को नया स्वरूप देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को मौजूदा समस्याओं सेे निपटने के लिए को नए नवाचारों के अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। सेमिनार के अंत में डॉ. विशाल पुरी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।