Faridabad News, 15 Sep 2018 : वरिष्ठ टीवी एंकर सईद अंसारी ने कहा कि एक पत्रकार को पक्ष-विपक्ष में नहीं बल्कि निष्पक्ष होना चाहिए। पत्रकारिता एक प्रोफेशन नहीं बल्कि एक पैशन है। इसे मिशन के रूप में लेना चाहिए।
वे एनएच तीन स्थित डीएवी शताब्दी कॉलेज में पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित टेलीविजन व समकालीन पत्रकारिता विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। इसका आयोजन दूरदर्शन के 59 साल पूरे होने पर किया गया था। 15 सितंबर 1959 को दूरदर्शन का पहली बार प्रसारण हुआ था। पत्रकारिता के छात्रों को सईद अंसारी ने हमेशा सचेत रहने और सामान्य ज्ञान बढ़ाने को प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल डॉ. सतीश आहूजा ने की। प्रोफेसर डॉ. सुनीति आहूजा के संयोजन मेें कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। डीडी न्यूज के संपादक डॉ. ओ पी यादव ने दूरदर्शन के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस व्यवसायिक युग में भी दूरदर्शन ने गुणवत्ता से समझौता नहीं किया है। असम के राज्यपाल के मीडिया सलाहकार अतुल सिंघल ने टीवी में करियर पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बदलते समय के अनुसार बदलना होगा। स्मार्ट फोन हाथ में होने से सब अपने को पत्रकार समझते हैं। वीडियो बनाना और वायरल करना। पत्रकारिता नहीं है। पत्रकारिता की समक्ष जरूरी है। लोकसभा टीवी के रिसर्च हेड देवेंद्र शुक्ला ने कहा कि तथ्यों की बाजीगीरी और शब्दों की जादूगीरी से बचने की जरूरत पत्रकारिता के छात्रों व पत्रकारों को भी है। पत्रकारिता का स्वरूप बदला है। भारत में टीवी पत्रकारिता का इतिहास अधिक पुराना है। दूरदर्शन का इतिहास से अधिक सीखने की जरूरत है। कार्यक्रम के सह संयोजक सोनिया हुड्डा, सरोज कुमार, रचना ,कसाना आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. डी पी वेद्य, डा. सतीश सलूजा, प्रोफेसर अरूण कुमार भगत, अंजली, उर्वशी सपरा, प्रियंका, जितेंद्र ढुल आदि उपस्थित थे।