केवल प्रभु भक्ति से ही संभव है मुक्ति : आचार्य दिनकर

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Faridabad News : श्याम मंदिर समिति (आदर्श नगर) द्वारा आयोजित आज श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास श्री ठाकुर दास दिनकर जी ने नास्तिक वैन की कथा, पृथु चरित्र, पुरंजन कथा, ऋषभावतार, जड़भरत कथा, भटावती प्रसंग, भूगोल-खगोल वर्णन, अजामिल कथा, वृत्रासुर वध एवं प्रह्लाद चरित्र आदि कथाओं का श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि जब अकर्मण्य शासक होते हैं तो माता पृथ्वी की उर्वरता घटने लगती है, वैन राजा इसका प्रमाण है। किन्तु जब महाराज पृथु जैसे कर्मठ उद्योगी दूरदर्शी शासक होते हैं तो माता पृथ्वी फिर से वसुंधरा बनकर समृद्धि देती है। यह संसार एक जंगल की तरह है, जहाँ जीव जीवन संघर्ष से जुझते रहते हैं। काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह आदि विकारों से ग्रसित संसारी लोग आत्मपोषण में लगे हुए एक दूसरे के प्रति अपराध करते हैं। अहंकार ग्रसित रह कर अपना इह लोक और परलोक बिगाड़ देते हैं। भगवान के नाम स्मरण की महिमा अजामिल की कथा बताती है। ईश्वर में दृढ़ आस्था और विशवास के साथ भक्ति पथ पर चलने वाले मनुष्य का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, प्रह्लाद चरित्र यही सन्देश देता है। इसके साथ ही भक्ति मति मीरा बाई, नरसी मेहता और कर्माबाई आदि के चरित्रों से तुलना करते हुए भक्त और भक्ति की महिमा पर व्यास जी ने विस्तृत प्रकाश डाला।

श्री श्याम मंदिर (आदर्श नगर) के प्रांगण में हो रही श्रीमद भागवत कथा को सभी वर्गों के पूर्ण सहयोग एवं समर्पित सेवा भाव का आदर करते हुए मंदिर समिति प्रधान रविंद्र गोस्वामी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कालीचरण गर्ग, राकेश शर्मा, इन्दरपाल, मोहन श्याम, गिरिराज प्रसाद, कृष्णदयाल एवं योगेश शर्मा आदि मौजूद रहे।

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