Faridabad News, 19 March 2019 : सनातन हिन्दु वाहिनी एवं नवप्रयास सेवा संगठन (रजि0) द्वारा एयरफोर्स रोड स्थित संजोग गार्डन में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष सनातन हिन्दु वाहिनी, तथा परम पूज्य महंत सुरेन्द्रनाथ अवधूत उपस्थित थे। होली मिलन कार्यक्रम में विषिष्ट अतिथि के रूप में नगर निगम के पूर्व वरिष्ठ उपमहापौर मुकेष शर्मा, युवा कांग्रेसी नेता नीरज शर्मा भी विषेष तौर पर उपस्थित थे। होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन तथा सनातन हिन्दु वाहिनी एवं नवप्रयास सेवा संगठन के प्रदेष अध्यक्ष तेजपाल सिंह, महामंत्री जयंत शेखावत, जिला अध्यक्ष श्री सुनील यादव, संगठन सचिव मुनेष पंडि़त तथा तुलाराम शास्त्री, कन्हैया लाल वकील, सुरेन्द्र अहलावत, दयाचंद मास्टर जी, रामरेखा यादव, संजय बघेल, सुरेष पंडि़त, संतोष शर्मा, गौरव पठानिया, रिंकू कुमार, महिपाल मेहता, अकबर खान, ललित सक्सेना, रामलखन कुषवाहा, राजीव चौहान, बलजीत डागर, आबिद खान, सुदेष सक्सेना, रोनी, अकबर खान सहित सैकड़ों लोगों का अहम योगदान रहा। होली मिलन समारोह में ओम श्री ब्राहण सभा, सृष्टि बचाओ संस्था, मिषन जागृति, आदि गौड ब्राहमण सभा, पब्लिक अवेयरनेस सोसायटी, कोली समाज, पूर्वांचल एकता परिषद, पर्वतीया कालोनी मार्किट एसोसिएषन, सीनियर सिटीजन वैलफेयर एसोसिएषन ने भी होली मिलन समारोह में भाग लेकर अपना पूर्ण सहयोग किया।
उक्त कार्यक्रम में परम महंत द्वारा सुंदर-सुंदर भजन प्रस्तुत किए गए उनके भजनों पर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा नृत्य गाना के डांस पर लोगों ने झूमने पर मजबूर हो गए और बाद में सभी ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर फूलों की होली खेली। परम पूज्य महंत श्री सुरेन्द्रनाथ अवधूत जी ने कहा कि होली रंगों का त्योहार है। इस त्योहार में सभी रंगों का मेल बेजोड़ है। भारत की संस्कृति व सभ्यता की पहचान त्यौहारों के माध्यम से देखने को मिलता है।
ठस मौके पर पूर्व वरिष्ठ उपमहापौर ने कहा कि होली त्यौहार में सभी रंगों का मिलन से एकता में अनेकता की पहचान कराती है । लोग वर्षों से नाराजगी तथा आपसी मतभेद को भुलाने का मौका होली में मिलता है।
प्रदेष अध्यक्ष तेजपाल सिंह, महामंत्री जयंत शेखावत, जिला अध्यक्ष श्री सुनील यादव, संगठन ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम हर वर्ष यहां पर आयोजन किया जाता है जिससे न केवल आपसी भाईचारे को बल मिलता है अपितु लोग खुषी से इस त्यौहार को गिल-षिकवे भुलाकर मनानते है।