साइबर अपराध और कानून विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान सत्र का आयोजन

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फरीदाबाद, 28 जुलाई : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एफआईए) के सहयोग से विद्यार्थियों, शोधार्थियों और उद्योग से जुड़े लोगों के लिए साइबर अपराध और कानून विषय पर आनलाइन व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। सत्र में लगभग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

सत्र में डीसीपी क्राइम ब्रांच फरीदाबाद जयबीर सिंह, फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के लॉ एंड ऑर्डर पैनल के अध्यक्ष और ओमेगा कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट्स के सीएमडी श्री संजय गुलाटी, एंटरप्रेन्योरियल लॉ क्लिनिक, लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से डॉ अश्विनी सिवाल और शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ से डॉ. सुषमा सिंह मुख्य वक्ता रहे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की।

सत्र की शुरुआत सूचना विज्ञान और कंप्यूटिंग संकाय के डीन डॉ कोमल कुमार भाटिया द्वारा स्वागतीय संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने साइबर सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत और विश्व स्तर पर कई डिजिटल हमले के मामले ने इसके सुरक्षा उपायों को जरूरी बना दिया है क्योंकि साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाकर प्रारंभिक चरण में ऐसे हमलों को नियंत्रित किया जा सकता है।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा को लेकर ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया तथा इसके आयोजन के लिए विभाग और फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध, कानून और सुरक्षा मौजूदा समय में सबसे उभरते विषयों में से एक है।

सत्र को संबोधित करते हुए डीसीपी (अपराध) फरीदाबाद श्री जयबीर सिंह ने वास्तविक अपराध मामलों का उदाहरण दिया और कहा कि अधिकांश साइबर अपराध पैसे के लिए होते हैं। अन्य मामलों में, लोग डेटा चोरी करने और किसी अन्य व्यक्ति, उनके नेटवर्क या कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। वर्तमान समय में साइबर अपराध एक गंभीर समस्या है क्योंकि साइबर अपराधों को रोकने में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक साइबर हाइजिन को लेकर जागरूकता का अभाव है। हाल के वर्षों में सरकार ने जांच में तेजी लाने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना के लिए जरूरी कदम उठाये है।

श्री संजय गुलाटी ने देश में साइबर अपराधों पर जानकारी साझा की और कहा कि दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी इंटरनेट आबादी होने के नाते भारत एक डिजिटल गांव के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ विकसित हुए हैं। अपराधों की प्रकृति ऑनलाइन धोखाधड़ी से लेकर लॉटरी घोटाले और यौन उत्पीड़न तक होती है।

सत्र के अंत में कुलसचिव डॉ. सुनील गर्ग ने मुख्य वक्ताओं को धन्यवाद दिया। वेबिनार का समापन प्रश्न-उत्तर सत्र के साथ हुआ जिसमें छात्रों ने विशेषज्ञों से जरूरी जानकारी हासिल की।कार्यक्रम का संचालन डॉ. रश्मि पोपली और श्री जितेश मोदी ने किया, जबकि डॉ अमिता, डॉ प्रीति सेठी, डॉ अश्लेषा और डॉ ललित मोहन गर्ग ने इसके सुचारू संचालन में योगदान दिया।

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