राजा नाहर सिंह के 161वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन

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Faridabad News, 09 Jan 2019 : 1857 के अमर शहीद राजा नाहर सिंह के 161वें बलिदान दिवस पर आज सैक्टर-3 स्थित राजा नाहर सिंह पैलेस में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन सादगीपूर्वक किया गया। इस मौके पर राजा नाहर सिंह के चित्र पर राजा नाहर सिंह के वंशज राजा राजकुमार तेवतिया, सुनील तेवतिया, अनिल तेवतिया सहित प्रदेश महासचिव प्रदीप जेलदार, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस विकास चौधरी, प्रदेश सचिव सतबीर डागर, डा. धर्मदेव आर्य सहित सैकड़ों लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
समारोह का आयोजन राजा नाहर सिंह के वंशज राजा राजकुमार तेवतिया ने किया। जबकि समारोह की अध्यक्षता राजा नाहर सिंह सोसायटी के अध्यक्ष सोहनलाल सैनी ने की।
कार्यक्रम में आए सभी मौजिज लोगों ने 1857 क्रांति के नायक शहीद राजा नाहर सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मौजूद लोगों का गिला यह भी था कि देश के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले राजा नाहर सिंह की पहचान को खत्म करने का काम किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ न सिर्फ एफआईआर ही दर्ज की जाए बल्कि उनकी यादों को युवा दिलों में ताजा रखने के लिए राजा नाहर सिंह की बल्लभगढ़ चौक व दिल्ली स्थित चांदनी चौक पर प्रतिमा लगाई जाए और उनके इतिहास को भी प्रतिमा के नीचे शिलालेख पर अंकित कराया जाए। हेरिटेज के नाम पर राजा नाहर सिंह पार्क स्थित ऐतिहासिक बुर्ज को तोड़े जाने पर भी लोग आक्रोशित थे।
साथ ही साथ राजा नाहर सिंह महल में टूरिज्म द्वारा मयखाना खोलने, रानी की छाती में अस्पताल व अन्य स्थानों पर सरकारी कार्यालय खोलकर उनकी विरासत को कब्जाने की भी निंदा की गई। कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों ने एकमत से निर्णय लिया कि जल्द ही राजा नाहर सिंह पार्क में एक महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। जिसमें राजा नाहर सिंह से जुड़ी सभी वस्तुओं का उनके अनुयायियों द्वारा संरक्षण करने व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
इस मौके पर राजा नाहर सिंह वंशज राजकुमार तेवतिया ने अपने सम्बोधन में राजा नाहर सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजा नाहर सिंह ने आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और 36 वर्ष की अल्प आयु में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत का झण्डा बुलंद कर फांसी का फंदा चूम लिया था। उन्होंने कहा कि शहीद किसी भी जाति विशेष या धर्म विशेष का नहीं होता है व सभी धर्मों का सामूहिक होता है तथा प्रत्येक देश वासी को शहीदों द्वारा दर्शाएं गए मार्ग पर चलकर देश की एकता व अखण्डता में अपना योगदान देना चाहिए।
प्रदीप जेलदार, सतबीर डागर व विकास चौधरी सहित अन्य वक्ताओं ने राजा नाहर सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1857 के अमर शहीद राजा नाहर एक ऐसे योद्धा थे, जिससे पूरा अंग्रेजी साम्राज्य कांपता था और एक समय वह भी था जब बल्लभगढ के इस शेर ने बहादुरशाह जफर की गिरफ्तारी के बाद कुछ समय दिल्ली का शासन चलाया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि जो आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे है, यह सब राजा नाहर सिंह जैसे यौद्धाओं की शहादत की बदौलत है, हमें उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलना चाहिए और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर जयनारायण पाल सरपंच, प्रताप शर्मा, मनोज अग्रवाल, धर्मपाल चहल, बेदी सरपंच, जवाहर सिंह तेवतिया, जोगेन्द्र फौगाट, विजय शर्मा, मांगेराम मच्छर, हरिशचंद, सुखराम थानेदार, स्वरूप थानेदार, समरथ सिंह चौहान, ओमप्रकाश, रामसिंह, बलवीर, अशोक, महेन्द्र, पूर्ण सरपंच, राजबीर सरपंच सहित अनेकों गणमान्य लोग मौजूद थे।

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