Faridabad News, 13 March 2019 : फाउँडेशन अगेन्स्ट थैलासीमिया संस्था द्वारा समर पाम अपार्टमेंट्स फरीदाबाद ग्रेटर में जे.एफ.आर.डब्ल्यू. ए. सोसाइटी, ज़ैनिथ हॉस्पिटल, लाइफ स्पा सोसाइटी व लक्सिट लबोरस्टोरिज़ के सहयोग से एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में 48 रक्तदाताओं ने रक्तदान देकर पुण्य कमाया। रक्तदाताओ में पुरुषों व महिलाओं के साथ युवाओं ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। रक्तदान करने वालों की सूची में सबसे पहले शामिल होने वाले कुछ नाम स्वरूप आनंद, प्रकश कुमार, विकास कुमार, प्रसून शुक्ला, योगेश अरोरा, सोनू शर्मा, बरनाली बराल, पिंटू सिंह, आनंद कुमार भाटिया, प्रदीप चौधरी, समीर गोयल, उज्जवल रंजन, नीलम, आशीष सिंघल, मुकेश महरा, जतिंदर पल सिंह, विकास मोंगिया, सचिन शर्मा, भगत सिंह व् रिची पाल सिंह आदि थे।
इस शिविर में रक्तदान के साथ साथ रक्ताओं को थैलासीमिया ग्रसित बच्चों के बोन मैरो ट्रांसप्लांट हेतु स्टैम सेल डोनेशन के लिए भी प्रेरित किया गया। श्रीमती सीमा ने विस्तार से लोगो को स्टेमसेल के बारे में बताया की किस प्रकार मौत से जुंझ रहे एक रोगी को वो एक स्वस्थ जीवन दे सकते है। साथ ही इसी अवसर पर गुलशन भाटिया ने लोगो को अंगदान के बारे में बताया व अंगदान के लिए लोगो ने अपना पजीकरण करवाया। शिविर में एकत्रित रक्त्त सन्त भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में गया, जहाँ से थैलासीमिक रोगियों को बिल्कुल मुफ्त रक्त्त दिया जाता है।
फॉउंडेशन अगेंस्ट थैलासीमिया संस्था की ओर से शिविर में लगातार चलती वीडियो फिल्म्स के माध्यम से थैलासीमिया रोग के कारण, इलाज, नियंत्रण व रोकथाम के बारे में हिन्दी व इंग्लिश भाषाओं में सरल रूप से जानकारी दे गयी। रक्तदान शिविर को सफल बनाने में अरुण शर्मा का भरपुर सहयोग रहा।
इस अवसर पर डॉक्टर ऋतू अरोरा, डॉ. महेश्वर चावला, बी दास बतरा, जे के भाटिया, नीरज कुकरेजा ने हाज़िर रह कर लोगो को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। अरुण शर्मा व सरदार रिची पाल सिंह आश्वासन दिया की वो हर तीन माह बाद यहां रक्तदान शिविर का आयोजन किया करेंगे ताकि थैलासीमिया ग्रस्त बच्चो को बिन किसी तकलीफ के रक्त मिलता रहे।संस्था की ओर से रविन्द्र डुडेजा व मदन चावला ने आयोजकों व ब्लड बैंक टीम के सहयोग के धन्यवाद दिया व सबसे यह आश्वासन लिया कि वो थैलासीमिया रोग की रोकथाम के बारे में अधिकतम जानकारी फैलायेंगे व भारत देश को वर्ष 2025 तक थैलासीमिया मुक्त्त बनाने में बहमुखी सहयोग देंगें।