नागरिकता संशोधन कानून पर व्याख्यान का आयोजन

0
799
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 29 Jan 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के विवेकानंद मंच द्वारा भारतीय शिक्षा मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में ‘नागरिकता संशोधन अधिनियमः भ्रांतियां एवं तथ्य’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया। इस परिचर्चा का आयोजन विश्वविद्यालय के निदेशक, युवा कल्याण डॉ. प्रदीप डिमरी की देखरेख में किया गया। व्याख्यान का आयोजन निदेशक, युवा मामले डॉ. प्रदीप डिमरी द्वारा किया गया, जिसे नागरिकता कानून से संबंधित विषय के जानकार श्री कृष्ण सिंघल द्वारा संबोधित किया गया।

इस व्याख्यान का उद्देश्य विद्यार्थियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में जागरूक करना और इस संबंध में उनकी भ्रांतियों को दूर करना था। व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने की। इस मौके पर डीन ऑफ मैनेजमेंट डॉ. अरविंद गुप्ता और मैनेजमेंट स्टडीज विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष निगम भी मौजूद थे।

व्याख्यान के दौरान, श्री सिंघल ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम से किसी भी समुदाय को कोई खतरा नहीं है और न ही यह किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता को रद्द करने के बारे में है, बल्कि यह पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार होकर 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश पाने वाले हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि नागरिकता कानून में बदलाव का उद्देश्य तीनों पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को न्याय दिलाना है, जिन्हें धार्मिक आधार पर लगातार उत्पीड़न के कारण अपना घर छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी।

इस संदर्भ श्री सिंघल ने अमेरिका तथा अन्य यूरोपियन देशों के नागरिकता कानूनों का उदाहरण नागरिकता संशोधन कानून की आवश्यकता पर बल दिया। व्याख्यान में काफी संख्या में विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया तथा विषय पर चर्चा करते हुए अपनी शंकाओं का निवारण किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here