February 20, 2025

गीता जयंती महोत्सव में सेमिनार का आयोजन

0
35
Spread the love

Faridabad News, 17 Dec 2018 : उपायुक्त अतुल कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में गत दिवस गीता जयंती महोत्सव में सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में गीता ग्रंथ के रहस्यों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

उपायुक्त अतुल कुमार द्विवेदी ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत गीता का ज्ञान किसी भी धर्म से संबंधित नहीं है। यह सर्वोत्तम ज्ञान और यह पवित्र ज्ञान है। यह एक राज विद्या है, गीता ग्रंथ में अच्छे चरित्र पर निर्माण पर शिक्षाएं मिलती है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में मनुष्य की मौलिक समस्याएं एक समान है। गीता में मनुष्य की सभी समस्याओं का समाधान और उनका निवारण प्रस्तुत किया गया है। गीता सार्वभौमिक सार्वदेशिक व सर्वकालिक जान की कुंजी है।

अतुल कुमार द्विवेदी ने सेमिनार में उपस्थित लोगों से प्रश्नोत्तरी भी की। उन्होंने गीता ग्रंथ में छुपे ज्ञान के रहस्य बारे विस्तारपूर्वक चर्चा की। सेमिनार में अतिरिक्त उपायुक्त जितेंद्र कुमार, एसडीएम फरीदाबाद सतबीर मान, एसडीएम बल्लभगढ़ राजेश कुमार, सीटीएम श्रीमती बलीना राणा, हुड्डा के एस्टेट ऑफिसर अमरदीप जैन सहित सेमिनार से जुड़े प्रबुद्ध वर्ग और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ बृजेश शर्मा ने कहा कि गीता ग्रंथ कहता है कि कर्म करते हुए भी कर्म फल से बचा जा सकता है। हर कर्म व्यवसाय व आधुनिक व्यवस्था के अनुसार हो। उन्होंने गीता का विस्तृत व्याख्यान करते हुए कहा कि गीता ग्रंथ ज्ञान का अपार भंडार है।छात्रा कुमारी अंकिता सुधांशु ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि गीता ग्रंथ भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। इसमें भारत की धार्मिक संस्कृति को बड़ी सरल भाषा में पिरोया गया है। गीता ग्रंथ भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रचलित हो रहा है। डॉक्टर सम्मोहिनी रूपा देवी ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि गीता एक राज विद्या है । विद्या को प्राप्त करने का हर आदमी इच्छुक होता है। गीता ग्रंथ को पढ़कर उसके ज्ञान को अपने जीवन में ढालने पर मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है। अनीता शर्मा ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि गीता सार्वभौमिक, सार्वजनिक और सार्वकालिक है। गीता ग्रंथ ज्ञान का अपार खजाना है। मनुष्य चाहे गीता ग्रन्थ से कितना ही ज्ञान प्राप्त कर ले। गीता ग्रंथ में ज्ञान की कोई कमी नहीं है। गीता ग्रंथ में व्यक्ति की जीवनी के साथ साथ उसके संस्कारों, क्षत्रीय धर्म का पालन करने की प्रेरणा भी मिलती है। श्री प्रभात ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि गीता ग्रंथ ही नहीं बल्कि एक सिद्धांत है। इसमें मनुष्य के हर समस्या का समाधान मिलता है ।गीता ग्रंथ के सिद्धांत पर चलने से हर मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है। गीता में आध्यात्मिक व भौतिक दोनों ही ज्ञानो का समावेश है । उन्होंने बताया कि गीता के 18 अध्याय और 700 श्लोको में मनुष्य के जीवन की सफलता के प्रत्येक पहलू छिपे हुए हैं । सेमिनार को श्रीमती पूनम ने संबोधित करते हुए कहा कि गीता ग्रंथ मनुष्य के अहंकार को खत्म करने की प्रेरणा भी देता है। मनुष्य को च चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए। यह प्रेरणा हमें गीता ग्रंथ देता है। गीता ग्रंथ में सदोगुण, तमोगुण सहित सभी गुणों का समावेश है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *