Faridabad News, 26 Nov 2018 : सेक्टर 21बी स्थित जीवा पब्लिक स्कूल में ‘हेड ट्रेनिंग एंड डेवलेपमेंट’ विषयक कार्यशाला का संचालन नीरजा चौहान ने किया। चौहान ने अध्यापकों को कार्यशाला में समझाया कि कोचिंग का वास्तविक अर्थ क्या है। हम सभी कोचिंग की व्याख्या कई अलग-अलग तरह से करते हैं, लेकिन नई विचारधारा में कोचिंग शब्द का एक नया रूप है, जिसको हम शक्तिशाली यंत्र के रूप में मान सकते हैं। कोचिंग शब्द द्वारा हम नेतृत्व की भावना को समझें व जानें, तो यह अधिक उपयोगी सिद्घ होगा। नीरजा ने अध्यापकों से कहा कि आप चुनौतियों को स्वीकार करें। आपके समक्ष जो भी चुनौती आए, उसे अवश्य स्वीकार करें और पूर्ण करने का प्रयास करें। प्रत्येक कार्य पूर्ण रूप से उद्ïदेश्य एवं योजना के साथ करें और थोड़ा सा समय दें, क्योंकि कभी कार्य एक बार में पूर्ण नहीं होता है।
नीरजा चौहान ने कहा कि हमें हर समय कुछ न कुछ नया भी सीखते रहना चाहिए। नया सीखने से हम जीवन की चुनौतियों को और जल्दी से और सरलता से सुलझा सकते हैं। अध्यापक या नेतृत्व करने वाला कोई भी व्यक्ति सामने वाले की समस्या को स्वयं सुलझाने का प्रयास करने का मौका दें, क्योंकि समस्या का समाधान भी हमारे ही पास होता है। हमें प्रयास करना चाहिए कि हम समस्या पर बात करें, जितना अधिक हम समस्या पर प्रश्न करके उसे हल करने का प्रयास करेंगे, उतना अधिक सुविधापूर्वक वह समस्या आसानी से सुलझ जाती है, हम किसी को किसी समस्या के लिए स्वयं प्रयास करने व हल करने के लिए प्रेरित करते हैं, तो यह कोचिंग का नया और वास्तविक रूप होता है। हमें यह सोचना होगा कि हमें समस्याओं को अपने आप बिना किसी परेशानी के सुलझाना आना चाहिए। इस प्रकार से हम अपनी संस्था और बच्चों दोनों को परिपक्व कर पायेंगे और कार्यक्षमता को और अधिक बढ़ा सकते हैं। कार्यशाला में विद्यालय की उपाध्यक्षा चंद्रलता चौहान, प्रशासिका मुक्ता सचदेव, प्रधानाचार्य देविना निगम, संयोजिकाएं व अध्यापकगण शामिल हुए।