Faridabad News, 12 Dec 2019 : ओशो फ्रेगरेंस का भारत में आगाज हुआ ओशो के जन्मोत्सव से जो फरीदाबाद के लेक व्यू होटल में – 10 से 12 दिसंबर 2019 को मनाया गया। साधकों केलिए यह 3 दिन ध्यान, उत्सव, सत्संग, प्रश्न उत्तर के बीच कैसे गुजर गए पता हीनहीं चला। शायद इसे ही कहते हैं ओशो की मौजूदगी का जादू।
इस भव्य उत्सव में 11 दिसंबर की शाम सूफी गायक हमसर हयात ने भावपूर्ण गीतोंसे ओशो के प्रति अपने अहोभाव प्रकट किए। जन्मदिन की शाम दूर-दूर से, देश-विदेश से आए हुए श्रद्धालुओं को मा अमृत प्रिया ने ध्यान में, भक्ति में डुबकीलगवाई।
अंततः स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने ओशो की 10 मौलिक आज्ञाएं सबको बताई।
जिसमें अंतिम आज्ञा थी- “खोजो मत। जो है–है; रुको और देखो।” इस पर विशेष जोर डाला।
हम सब बहुत भागते हैं जीवन भर। अब तो कुछ क्षण रुको और देखो स्वयं में। स्वयं की खोज में लगें तो यही जीवन आनंदमय, प्रेममय बन जाता है।
आज के पावन दिन पर यह पंक्तियां स्वामी नीलांचल द्वारा लिखी गई जो हरसाधक के ह्रदय की बात कहती है –
“झूमती है जमीं
नाचता है गगन
आज ओशो का है जन्मदिन”
इस शुभ दिन की हम सब को हार्दिक बधाई।