Faridabad News, 03 Sep 2021: प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला को आउटस्टैडिंग आंत्रेप्यूनर आफ हरियाणा अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जी बिजनेस द्वारा आयोजित एमएसएमई नेशन बिल्डर्स सम्मिट 2021 व नेशनल अवार्ड फार आउटस्टैंडिंग आंत्रेप्यूनर्स कार्यक्रम में श्री चावला को यह अवार्ड उनके द्वारा कोविड की दूसरी लहर में मानवता के लिये एमएसएमई सैक्टर्स की ओर से किये गये अद्वितीय कार्यों के लिये प्रदान किया गया।
उल्लेखनीय है श्री चावला ने कोविड 19 महामारी की दूसरी लहर में अप्रैल 2021 में उस समय 200 बिस्तर का कोविड केयर सैंटर स्थापित करने की ओर कदम बढ़ाए जबकि देश में आक्सीजन, फूड, मेडिसन, डाक्टर, मेडीकोज संबंधी काफी आवश्यकता महसूस की जा रही थी। महज 48 घंटों के भीतर श्री चावला ने डाक्टरों, पैरामैडिकल फोर्स, उद्योग प्रबंधकों के साथ मिलकर कोविड केयर सैंटर की रूपरेखा तैयार की और इसे मूर्त रूप दिया गया। हालांकि श्री चावला ने इस अवार्ड का श्रेय उन लोगों को दिया है जिन्होंने टीम भावना के साथ कार्य किया परंतु कोविड केयर सैंटर की रूपरेखा तैयार करने, उसे मूर्त रूप देने और प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के कार्यों को समाज, प्रशासन व सरकार द्वारा मुक्तकंठ से सराहा गया।
सैक्टर 81 डीपीएस चेयरमैन श्री रोहित जैनेन्द्र जैन, एकार्ड अस्पताल का मेडिकल स्टाफ जिनमें डा0 प्रबल राय, डा0 युवराज, श्री विवेक दत्ता, अनिरूद्ध सिंह, आशीष जैन, राहत भाटिया सहित विभिन्न लोगों ने इस कोविड केयर सैंटर को श्री चावला का मानवता के प्रति समर्पणभाव करार देते कहा है कि वास्तव में यह ऐसा अनुकरणीय उदाहरण रहा जिसने यह सिद्ध कर दिया कि व्यक्ति में कुछ करने का जज्बा हो तो टीम स्वयं ही जुड़ जाती है।
कोविड केयर सैंटर में बड़ी संख्या में लोगों को जीवनदान मिला जिसमें न केवल आईएमएसएमई आफ इंडिया और डीपीएस की टीम तत्पर रही बल्कि इस मुहिम में स्वास्थ्य सचिव हरियाणा श्री राजीव अरोड़ा, डीसीपी फरीदाबाद श्री मुकेश मल्होत्रा, तत्कालीन उपायुक्त व वर्तमान आयुक्त नगर निगम श्री यशपाल यादव और सुश्री गारिमा मित्तल सहित हरियाणा सरकार व जिला प्रशासन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इधर श्री चावला ने अवार्ड उपरांत अपने विचार व्यक्त करते कहा है कि वास्तव में यह अवार्ड उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने हौंसले के साथ ऐसे समय में एकजुटता दिखाई जबकि हम एक महामारी के दौर से गुजर रहे थे और स्वयं की जान बचाना भी एक चुनौती थी।