Faridabad News, 02 Aug 2020 : प्रारंभ से ही, मानव जाति स्थानीय से वैश्विक स्तर तक-प्रकृति के साथ सम्यक संतुलन स्थापित करने का प्रयास कर रही है लेकिन प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को लेकर मनुष्य के बढ़ते लालच का परिणाम संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी साबित हुआ है।
पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरे बेहद चिंताजनक स्तर पर पहुंच गए हैं और मनुष्य इस बात के लिए विवश हुआ है कि वह तथ्य को अधिक व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखना सीखे ताकि हम भविष्योन्मुखी और समग्र दृष्टिकोण को अपना सकें और भावी पीढिय़ों के लिए बेहतर पर्यावरण छोड़ सकें।
इसी संदर्भ में साँसे मुहीम के अंतर्गत अरावली पर्वत श्रंखला में स्थित परसोन मंदिर में 21पौधे(नीम, पीपल, बढ़) के लागए गए। इस अवसर पर साँसे मुहीम के संयोजक जसवंत पंवार ने बताया की अरावली पर्वत श्रखला पर स्थित यह पौराणिक मंदिर दिल्ली एनसीआर. के क्षेत्र को शुद्ध वायु (ऑक्सीजन) देने का कार्य करता है। यहां पर रहने वाले जीव-जंतु जो की प्रकर्ति की गोद में सुंदरता की छटा बिखेरने का कार्ये करते है और पृथ्वी पर सभी जीवधारियों का जीवन एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। पवार ने बताया कि अरावली पर्वत श्रंखला पर ज्यादातर कीकर के ही पेड़ हैं जो कि ना तो 24 घंटे शुद्ध वायु देते हैं और ना ही बेजुबान पक्षियों का पेट भरते हैं सांसे महिम का एक ही लक्ष्य है कि अरावली पर्वत श्रंखला पर ज्यादा से ज्यादा पीपल बढ़ लगाई जाए जिससे कि बेजुबान जीव जंतु इन पेड़ों से अपना पेट भर सके और पूरे एनसीआर को शुद्ध वायु मिल सके क्योंकि पीपल 24 घंटे शुद्ध वायु देता है
इस अवसर पर कार्यक्रम सहयोगी स्वयंसेवक हिमांशु भट्ट ने बतया की साँसे मुहीम के अंतर्गत लगभग शहर में अबतक 2200 पौधे वितरित एवं 1200 पौधे रोपण का कार्य किया जा चुके है जिसमे हमें शहर की युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, एवं समाजसेवियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। और इस सहयोग के अंतर्गत सभी लोग पौधे लगने के साथ साथ उनकी देखभाल का भी जिम्मा उठा रहे है और पौधे को पेड़ बनाने का संकल्प के साथ चल रहे है। इस अवसर पर हेमंत राजपूत, गौरव, हिमांशु भट्ट का विशेष योगदान रहा।