Faridabad News, 06 June 2020 : एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष विकास फागना का कहना है कि प्राइवेट व अन्य शिक्षण संस्थान किसी भी तरह का शुल्क छात्रों से न ले। कोरोना लोकडाउन के चलते छात्रों के अभिभावकों को छूट दी जानी चाहिए।इसके साथ साथ किसी भी छात्र को शिक्षा से वंचित न रखा जाए।जिस प्रकार पंजाब व राजस्थान सरकार ने तीन महीने तक फीस न लेने के लिए कहा है उसी प्रकार हरियाणा मे भी तमाम प्राइवेट शिक्षण संस्थान कोई भी फीस 3 महीने तक न ले। कोरोना महामारी के चलते हरियाणा में 15 मार्च 2020 से लोकडाउन है जोकि अब 30 जून 2020 तक है। इसके चलते हर वर्ग के परिवारो को आर्थिक क्षति पहुंची है जिसके बीच प्राइवेट शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों से फीस जमा करवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे मुश्किल समय मे छात्रों को शिक्षा से वंचित रखना उनके हकों व अधिकारों का हनन है। पंजाब व राजस्थान सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को सख्त आदेश दिए है कि कोई भी संस्थान आगामी 3 महीने तक की छात्रों से फीस नही लेगा। साथ ही ऑनलाइन क्लास के नाम पर भी कोई पैसा नही मांगेगा परन्तु अभी भी अन्य प्रदेशों द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया गया है।विकास फागना ने बताया कि डायरेक्टरेट ऑफ स्कूल एजुकेशन,हरियाणा सरकार द्वारा 23 अप्रैल 2020 को पत्र क्रमांक 8/27-2013 पी0एस0(2) के माध्यम से कहा गया है कि प्राइवेट शिक्षण संस्थान ट्यूशन फीस जमा करने के लिए अभिभावकों से मांग कर सकते है। इस महामारी के समय छात्रों के अभिभावकों के लिए यह बहुत परेशानी व मुश्किल की घड़ी है। विकास फागना ने कहा कि इस महामारी की जंग को जीतने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रदेश मे तमाम प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को आदेश दिए जाए कि कोई भी शिक्षण संस्थान आगामी तीन महीने तक के लिए कोई भी ट्यूशन,किताब,ट्रांसपोर्ट,स्कूल वर्दी की फीस या शुल्क न ले। राज्य सरकार द्वारा इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और छात्रों के अभिभावकों को छूट देने का काम किया जाए वही दूसरी ओर किसी भी टीचर या स्टाफ मेंबर की तनख्वाह में कोई रुकावट न आए इसके लिए भी सरकार द्वारा विशेष प्रबंध किए जाए। विकास फागना ने बताया कि पंजाब सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को आदेश दिए है कि कोई भी संस्थान किसी भी छात्र के अभिभावक से फीस या शुल्क आगामी 3 महीने तक न ले। साथ ही उनका कहना है कि कोरोना महामारी के चलते लोकडाउन के बाद भी आर्थिक स्थिति खराब रहेगी और आर्थिक बोझ बढ़ने से परेशानी बढ़ेगी।