Faridabad News, 21 Aug 2019 : प्राइवेट स्कूल प्रबंधक शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक कक्षाओं में दाखिले के लिए तय किए गए दिशा निर्देशों का उल्लंघन करके नर्सरी व प्राथमिक कक्षाओं में दाखिला अपनी मर्जी से बनाए गए नियमों के तहत देकर छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं| हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि शिक्षा विभाग, पंचकूला से दिशा निर्देशों का परिपत्र जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के पास फरवरी 2019 में ही आ गया था, लेकिन उन्होंने उसको आगे स्कूल प्रबंधकों के पास उनका पालन करने के लिए आज तक नहीं भेजा है, इसी का फायदा उठाकर प्रबंधक मनमानी व लूटखसोट करके दाखिला दे रहे है| मंच ने यह जानकारी आरटीआई लगाकर प्राप्त की है| हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल प्रबंधक शिक्षा नियमावली के नियमों के साथ साथ सीबीएसई व हुडा के भी सभी नियम-कानूनों का उल्लंघन करके आगामी शिक्षा सत्र 2020- 21 के लिए नर्सरी व प्राथमिक कक्षाओं में दाखिला दे रहे हैं| पढ़ाई अप्रैल 2020 में शुरू होनी है लेकिन वे 6 महीने पहले ही दाखिला देकर एडवांस में लाखों रुपए अभिभावकों से वसूल रहे है| दाखिला फार्म 500 से ₹1000 में दिया जा रहा है जबकि नियम यह है कि दाखिला फार्म निशुल्क प्रदान किया जाए| हुडा नियमों के तहत जिस क्षेत्र में स्कूल खुला है सबसे पहले वहां के अभिभावकों को दाखिला देना चाहिए, सीट बचने पर ही अन्य क्षेत्रों के बच्चों को दाखिला मिले। सीबीएसई का नियम है कि दाखिला प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और अभिभावकों को दाखिला शुरू करने की सूचना पहले मिलनी चाहिए। दाखिला में आर्थिक पक्ष नहीं देखना चाहिए। मां-बाप का इंटरव्यू नहीं होना चाहिए। शिक्षा नियमावली का नियम यह है कि कक्षा एक से पहले सिर्फ 2 क्लास प्राथमिक प्रथम, प्राथमिक दो की कक्षाएं होनी चाहिए लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने अपनी मर्जी से कक्षा एक से पहले प्री नर्सरी, नर्सरी, केजी, एलकेजी, यूकेजी नाम से 4-5 क्लास अधिक से अधिक कमाई करने के चक्कर में बना रखी है| नियम यह भी है कि प्राथमिक प्रथम में 3 वर्ष की आयु के बच्चे को दाखिला दिया जाए लेकिन उन्होंने उम्र के मामले में भी अपने ही नियम बना रखे हैं| मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक इन सभी नियमों का पालन न करके जो अभिभावक सबसे ज्यादा डोनेशन देता है उनके बच्चों को दाखिला दे रहे हैं। इतना ही नहीं शिक्षा सत्र 2020 -21 की पढ़ाई अप्रैल 2020 से शुरू होनी है लेकिन स्कूल प्रबंधक 7 महीने पहले ही दाखिला देकर अभिभावकों से 50 से एक लाख रुपए एडवांस में वसूल कर बैंक की ब्याज के रूप में ही हजारों रुपए कमा रहे हैं, जब कि नियम है कि दाखिला देकर रजिस्ट्रेशन के नाम पर सिर्फ टोकन फीस 1000 रुपए लेनी चाहिए। मंच ने प्रबंधकों की इस मनमानी की शिकायत चेयरमैन फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी कम मंडलायुक्त फरीदाबाद व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से करके दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की मांग की| लेकिन इन अधिकारियों ने प्राइवेट स्कूलों की सशक्त लावी के दवाब में अब तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है| मंच ने इन अधिकारियों के ऑफिस में आरटीआई लगाकर मंच के पत्रों पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है| मंच ने अब चेयरमैन सीबीएसई, प्रशासक हुडा व शिक्षा निदेशक हरियाणा को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है| मंच ने अभिभावकों से भी कहा है कि वे प्राइवेट स्कूलों की इस मनमानी का एकजुट होकर विरोध करें और मंच के जिला कार्यालय लॉयर्स चेंबर 56 जिला कोर्ट फरीदाबाद में शिकायत दर्ज कराएं|