प्रो. नौरेडीन टैकोबेट और प्रो. माइकल मोंटिकिनो को दिया गया फाउंडर्स अकादमिक पुरस्कार

0
799
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 09 Jan 2020 : नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन (एनबीए) के अध्यक्ष प्रो. के.के. अग्रवाल ने इंजीनियरिंग संस्थानों से बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने और आधुनिक प्रौद्योगिकीय उन्नति के अनुरूप अपने पाठ्यक्रम को विकसित करने के लिए कहा है।

प्रो. अग्रवाल जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा आयोजित फ्यूजन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएसएफटी-2020) के 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। सत्र को हेक्सागन इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रमोद कौशिक ने भी संबोधित किया। इससे पहले, कुलसचिव डॉ. एस. गर्ग ने मुख्य अतिथि और प्रतिभागियों का स्वागत किया और सम्मेलन के दौरान की गई कार्यवाही और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। सत्र के अंत में डाॅ. मनीष वशिष्ठ ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर टीईक्यूआईपी निदेशक डाॅ. विक्रम सिंह भी उपस्थित थे।

प्रो. अग्रवाल, जो देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में तकनीकी पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता मानकों के आधार पर मान्यता देने की प्रमुख संस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने कहा कि आज, इंजीनियरिंग संस्थानों की मुख्य जिम्मेदारी ऐसे इंजीनियर तैयार करना है जो प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए मौजूदा समस्या का करने में सक्षम हो। इंजीनियरिंग में गणित के महत्व पर जोर देते हुए, प्रो. अग्रवाल ने कहा कि आज के इंजीनियरिंग प्रोडक्टर्स मुख्यतः गणितीय संरचना पर आधारित है। यहां तक कि आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गूगल भी गणित में पीएचडी कर्मचारियों को वरीयता दे रहा है। इसलिए, इंजीनियरिंग छात्रों को बहु-विषयक ज्ञान और कौशल हासिल करना होगा। उन्होंने मौजूदा पाठ्यक्रम में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के साथ-साथ आर्ट्स के विषयों की आवश्यकता पर भी बल दिया। प्रो. के. के. अग्रवाल ने बहु-विषयक अनुसंधान पर विचार-विमर्श के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन पर विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में, कुलपति प्रो. दिनश कुमार ने शोधकर्ताओं और तकनीकीविद्ों को तकनीकी चुनौतियों का सामना बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाने और सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वैश्विक समस्याओं के इनोवेटिव तथा प्रौद्योगिकीय समाधान खोजने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर हेक्सागन इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रमोद कौशिक, कुलसचिव डॉ. एस. गर्ग, टीईक्यूआईपी निदेशक डाॅ. विक्रम सिंह भी उपस्थित थे।

फ्यूजन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएसएफटी-2022) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का 9वां संस्करण अब बैंकाक, थाईलैंड में 10 से 14 जनवरी, 2022 तक आयोजित किया जाएगा। आईएसएफटी के अध्यक्ष एवं राजामंगलम युनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाॅजली, सुवर्णभूमि, थाईलैंड से प्रो. नेपेट वाटजनटेपिन ने मेजबानी के प्रस्ताव को स्वीकार किया।

समारोह में लोरेन विश्वविद्यालय, फ्रांस के प्रो नौरेडीन टाकोरबेट तथा युनिवर्सिटी आफ नाॅर्थ टेक्सास से प्रो माइकल मोंटिकिनो ने आईएसएफटी 2020 फाउंडर्स अकादमिक पुरस्कार प्रदान किया गया। इस पुरस्कार में अंतर्गत प्रमाणपत्र और दक्षिण कोरियाई मुद्रा वोन में नकद 1,000,000 की राशि प्रदान की गई। यह पुरस्कार प्रतिभागियों को उनकी उच्च कोटि की अनुसंधान क्षमता तथा अनुसंधान के वैश्विक प्रभाव को देखते हुए दिया जाता है। ड्रेनेज पंप आकार परिवर्तन को लेकर अध्ययन के लिए दक्षिण कोरियाई शोधकर्ता डाई-यून किम को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र का पुरस्कार दिया गया।

पोस्टर प्रस्तुति श्रेणी में, प्रथम पुरस्कार संयुक्त रूप से अरुण कुमार, रूप लाल राणा और नोबेल तोमर को उनके शोध कार्य के लिए दिया गया। इसी प्रकार, द्वितीय पुरस्कार यशस्वि राज और अनिकेत गुप्ता को दिया गया और तीसरा पुरस्कार तीसरा पुरस्कार मुदिता गर्ग को प्रदान किया गया।

इस सम्मेलन में 200 से अधिक शोध कार्य प्रस्तुत किए गए जिनमें 156 मौखिक प्रस्तुतियाँ, 53 पोस्टर और 17 आमंत्रित व्याख्यान शामिल रहे। सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता के प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।

सम्मेलन के चैथे दिन, प्रतिनिधियों ने आगरा और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा का आनंद लिया। उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में भारत और विदेशों से 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया है, जिनमें से लगभग 50 प्रतिनिधि अमेरिका, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, थाईलैंड, इटली, ईरान, जापान और जर्मनी जैसे देशों से हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here